Jambhsar Media, New Delhi: किसान काफी समय से अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसान आन्दोलन चला रहे थे. हालांकि किसान आन्दोलन में अब कुछ ढील जरुर से दी है किसानों ने.अब सरकार किसानों को समृद्ध बनाने के लिए तमाम तरह की योजनाएं निकाल रही है जिससे किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकें.
खेती का अर्थ सिर्फ गेहूं-चावल उगाना नहीं रह गया है। यह उद्योग का रूप भी लेने लगी है। गत तीन-चार वर्षों में देश में एग्री स्टार्टअप की बढ़ती संख्या बता रही है कि किसान अब परंपरागत खेती में नवाचार अपना रहे हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत एग्री स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक और तकनीकी सहायता दी जा रही है।
एग्री स्टार्टअप का आसान शब्दों में अर्थ स्मार्ट फार्मिंग को प्रोत्साहित करने के तरीके से लगाया जा सकता है। देश की आबादी बढ़ रही है, किंतु जमीन का आकार स्थिर है। ऐसे में सिर्फ पैदावार बढ़ाकर ही खाद्य सुरक्षा की गारंटी दी जा सकती है।
किसानों को मिल रही अच्छी कीमत
दूसरा पक्ष यह भी है कि कम जमीन में अत्यधिक उपज लेने के प्रयास में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग से खेत बांझ होने लगे हैं। इसी निराशा के बीच नई उम्मीद लेकर एग्री स्टार्टअप सामने आ रहे हैं, जो पैदावार बढ़ाने से लेकर उपज के उपभोग तक में कई सफल प्रयोग कर रहे हैं। इससे किसानों को उपज की अधिक कीमत भी मिल रही है।
जानकारी और पूंजी के अभाव के बावजूद जो किसान कृषि से संबद्ध उद्यम शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर मददगार साबित हो सकते हैं। जानकारी लेकर अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं। जिन किसानों को एग्री स्टार्टअप का कोई ज्ञान नहीं है, उनके लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘नवाचार व कृषि-उद्यमिता विकास’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
प्रशिक्षण एवं परामर्श के लिए देशभर में पांच नालेज भागीदार व 24 एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर बनाए गए हैं। एग्री-प्रेन्योरशिप ओरिएंटेशन प्रोग्राम के तहत किसानों एवं युवाओं को दो माह तक 10 हजार रुपये देने की व्यवस्था है।
नए-पुराने उद्यमियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
प्रारंभ में अभ्यर्थियों को आइडिया एवं प्री-सीड स्टेज पर पांच लाख रुपये और बाद में पूंजी के रूप में 25 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है। उद्यमियों एवं स्टार्टअप को इनक्यूबेटर के जरिये उत्पादों, सेवाओं एवं व्यापार मंचों को बाजार तक पहुंचाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।