जोधपुर में खुले बाजार में व्यक्ति ने जंजीर से की आत्म*त्या: बेटे को कॉल कर दी थी सूचना: शहर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र में बुधवार (9 जुलाई ) दोपहर एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया। एक 65 वर्षीय व्यक्ति ने निर्माणाधीन बिल्डिंग की पहली मंजिल पर लोहे की जंजीर (iron chain) से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सबसे दिल दहला देने वाली बात यह रही कि सुसाइड (suicide) से ठीक पहले उसने अपने बेटे को फोन कर इस कदम की जानकारी दी थी, लेकिन परिवार के लोग जब तक मौके पर पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
घटना स्थल और पुलिस की कार्रवाई
यह घटना दोपहर करीब 12:15 बजे आखलिया चौराहे से प्रतापनगर की ओर जाने वाले मेन रोड पर जूडियो शोरूम के सामने स्थित एक निर्माणाधीन इमारत में घटी। प्रतापनगर थानाधिकारी भवानीसिंह राठौड़ ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। वहां देखा गया कि एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति का शव पहली मंजिल से बाहर की ओर लटका हुआ था। मृतक की पहचान कबीर नगर निवासी माधुराम (पुत्र देदाराम) के रूप में हुई है।
आखिरी कॉल: बेटे को दी थी जानकारी
माधुराम ने आत्महत्या करने से पहले पहली मंजिल तक जाकर सीढ़ियों का गेट अंदर से बंद कर लिया। इसके बाद अपनी साथ लाई लोहे की जंजीर का एक सिरा पिलर से बांधा और दूसरा सिरा गले में डालकर बाहर की ओर छलांग लगा दी। इस दौरान उसने अपने बेटे को फोन कर आत्महत्या करने की बात कही। बेटे प्रकाश और जस्साराम तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक माधुराम की सांसें थम चुकी थीं। पुलिस ने बेटे की मौजूदगी में शव को नीचे उतारा और एमडीएम हॉस्पिटल की मॉर्च्यूरी (mortuary) में रखवाया। पोस्टमॉर्टम (postmortem) गुरुवार को किया जाएगा।
जिंदगी की चुनौतियां और अनसुलझे सवाल
माधुराम पेशे से पत्थर लोडिंग-अनलोडिंग (loading-unloading) का काम करते थे। पुलिस के मुताबिक, आत्महत्या के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। परिवार और पड़ोसियों के मुताबिक, माधुराम पिछले कुछ समय से परेशान जरूर थे, लेकिन इतनी बड़ी घटना की किसी को भनक तक नहीं थी।
घटना के बाद मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। स्थानीय लोग और पुलिस दोनों ही स्तब्ध थे कि आखिर क्या वजह रही होगी जिसने एक मेहनतकश व्यक्ति को इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
सामाजिक चिंता और संवेदनशीलता
यह घटना न सिर्फ एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। मानसिक तनाव (mental stress), आर्थिक दबाव या व्यक्तिगत समस्याएं—इन सबका बोझ कई बार इंसान को ऐसी स्थिति में ला देता है, जहां वह खुद को अकेला महसूस करने लगता है।
आज के समय में यह बेहद जरूरी है कि हम अपने आसपास के लोगों की भावनात्मक स्थिति पर ध्यान दें, उनसे संवाद बनाए रखें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों की मदद लें।
अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आत्महत्या (suicide) जैसा कोई विचार आता है, तो यह एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है। तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 या टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर संपर्क करें। आपकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी सलाह देंगे। याद रखिए, जान है तो जहान है।
माधुराम की आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या हम अपने आसपास के लोगों की तकलीफें समझ पा रहे हैं? क्या हम समय रहते किसी की मदद कर सकते हैं? ऐसे सवालों के जवाब ढूंढना आज हर जिम्मेदार नागरिक की जिम्मेदारी है।
इस दुखद घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। परिवार और समाज को अब सिर्फ जवाबों का इंतजार है—शायद आगे ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए हम सबको मिलकर संवेदनशील और सतर्क रहना होगा।















