शास्त्रों में लिखी हैं ये 10 वर्जनाए, इन 10 चीजों को शिवलिंग पर चढ़ाने से बचें: वरना भोलेनाथ क्रोधित हो उठेंगे

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इन 10 चीजों को शिवलिंग पर चढ़ाने से बचें:- देश भर में आज यानी 23 जुलाई 2025 को सावन शिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान शिव के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव पूजा करते समय अगर कुछ गलतियां हो जाएं तो भोलेनाथ प्रसन्न होने के बजाय रुष्ट भी हो सकते हैं?

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धार्मिक शास्त्रों और पंडितों के अनुसार, शिव पूजा में कई ऐसी चीजें हैं जो वर्जित मानी गई हैं। इन गलतियों से बचना हर शिव भक्त के लिए जरूरी है। आइए जानते हैं वे 10 मुख्य गलतियां जिनसे बचना चाहिए।

सावन शिवरात्रि 2025: तिथि और मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, इस बार सावन शिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि 23 जुलाई को सुबह 4:39 बजे से शुरू होकर 24 जुलाई को रात 2:28 बजे तक रहेगी। निशिता काल पूजा का समय 24 जुलाई को रात 12:07 बजे से 12:48 बजे तक है।

शिव पूजा में न करें ये 10 गलतियां

  1. हल्दी (Turmeric) का प्रयोग बिल्कुल न करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव की पूजा में हल्दी का उपयोग पूर्णतः वर्जित है। शिव जी वैरागी हैं और हल्दी को सौंदर्य प्रसाधन की वस्तु माना जाता है। इसलिए शिवलिंग पर हल्दी न लगाएं।

  1. तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं

तुलसी के पत्ते भगवान विष्णु को प्रिय हैं, लेकिन शिव पूजा में इन्हें चढ़ाना वर्जित माना गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, तुलसी (वृंदा) ने शिव जी को श्राप दिया था क्योंकि उन्होंने उसके पति जालंधर का वध किया था।

  1. शंख से जल न चढ़ाएं

शिव पूजा में शंख का उपयोग निषेध है। मान्यता है कि भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक दैत्य का वध किया था, और शंख उसी की अस्थियों से बना है। इसलिए शंख से जल चढ़ाना या शंख बजाना वर्जित है।

  1. नारियल पानी का प्रयोग न करें

शिवलिंग पर नारियल पानी चढ़ाना उचित नहीं माना जाता। नारियल को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, जो भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं।

  1. टूटे या खराब बेलपत्र न चढ़ाएं

बेलपत्र शिव जी को अत्यंत प्रिय हैं, लेकिन टूटे, मुरझाए या छेद वाले बेलपत्र न चढ़ाएं। हमेशा तीन पत्तियों वाला पूरा बेलपत्र ही चढ़ाएं।

  1. खड़े होकर जल न चढ़ाएं

शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय हमेशा बैठकर या झुककर चढ़ाना चाहिए। खड़े होकर जल चढ़ाना अनादर माना जाता है।

  1. गलत दिशा में मुंह करके पूजा न करें

शिव पूजा करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करना चाहिए। दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके पूजा न करें।

  1. स्टील या लोहे के बर्तन का प्रयोग न करें

जलाभिषेक के लिए हमेशा तांबे, पीतल, चांदी या मिट्टी के बर्तन का प्रयोग करें। स्टील या लोहे के बर्तन से जल चढ़ाना शुभ नहीं माना जाता।

  1. शाम को जल न चढ़ाएं

शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सबसे उत्तम समय सुबह 5 बजे से 11 बजे तक है। शाम के समय जल चढ़ाने से पूजा का पूरा फल नहीं मिलता।

  1. अनुचित वस्त्र पहनकर पूजा न करें

शिव पूजा करते समय काले कपड़े न पहनें। साफ-सुथरे, हल्के रंग के कपड़े पहनकर ही पूजा करनी चाहिए। चमड़े की वस्तुएं भी न पहनें।

सावन शिवरात्रि की सही पूजा विधि

धार्मिक विधान के अनुसार, सावन शिवरात्रि के दिन प्रातःकाल स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। शिवलिंग का जलाभिषेक करें, बेलपत्र चढ़ाएं, धूप-दीप जलाएं और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

दिल्ली के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य का कहना है कि “भगवान शिव बहुत भोले हैं और छोटी सी भूल को भी माफ कर देते हैं, लेकिन जानबूझकर की गई गलतियों का परिणाम भुगतना पड़ सकता है।”

सामाजिक जागरूकता की जरूरत

आज के समय में यह जरूरी है कि लोग अंधविश्वास और सही परंपरा के बीच अंतर समझें। धर्म का मतलब डर नहीं, बल्कि श्रद्धा और सम्मान है। शिव पूजा की सही विधि अपनाकर हम न केवल धार्मिक लाभ पाते हैं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को भी जीवित रखते हैं।

सावन शिवरात्रि 2025 के इस पावन अवसर पर, सभी शिव भक्तों से निवेदन है कि वे इन नियमों का पालन करते हुए भगवान भोलेनाथ की आराधना करें। याद रखें, भगवान शिव सच्ची श्रद्धा और भावना को देखते हैं, न कि दिखावे को। सही तरीके से की गई पूजा से निश्चित रूप से महादेव की कृपा प्राप्त होती है।

हर हर महादेव!

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Beerma Ram is the owner of Jambhsar Media, who has been working in Media field since 2018, covering news of religious, political, social fields, connecting with rural life, living with backward people, educating illiterate people. Creating awareness, serving the poor and serving wildlife through my organization Jambhsar Hitkarini Snsthaan, saving rare animals has always been my goal.

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