Azamgarh-Varanasi-Lalganj Railway Line- उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में यातायात सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए प्रस्तावित वाराणसी-लालगंज-आजमगढ़-गोरखपुर रेलवे लाइन परियोजना ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण प्रगति की है। यह महत्वाकांक्षी 195.91 किलोमीटर लंबी रेल लाइन परियोजना वाराणसी, लालगंज, आजमगढ़ और गोरखपुर जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ने का लक्ष्य रखती है। इसके माध्यम से क्षेत्रीय विकास को गति देने और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की योजना है।
परियोजना की मौजूदा स्थिति
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, परियोजना का अंतिम लोकेशन सर्वेक्षण (एफएलएस) पूरा कर लिया गया है। यह प्रक्रिया रेलवे ट्रैक और स्टेशन के रूट निर्धारण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सर्वेक्षण के बाद, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी, जिसमें ट्रैक की संरचना, स्टेशन की योजनाएं और अन्य बुनियादी ढांचा शामिल होगा।
लालगंज को जोड़ने की मांग
परियोजना में लालगंज को जोड़ने की मांग क्षेत्र के लोगों और स्थानीय संगठनों द्वारा जोर-शोर से उठाई जा रही है। लालगंज विकास मंच ने इस संबंध में रेलवे मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा है। मंच के सदस्यों का कहना है कि लालगंज को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने से न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों को भी बल मिलेगा।
आगे की योजना
सर्वेक्षण के बाद, भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू होगी। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। परियोजना से उम्मीद है कि यह वाराणसी, लालगंज, आजमगढ़ और गोरखपुर के बीच यात्रा का समय कम करेगी और आवागमन को सुगम बनाएगी।
स्थानीय लोगों की उम्मीदें
इस परियोजना से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच की दूरी घटेगी, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को नई ऊंचाई मिलेगी। स्थानीय व्यापारियों और यात्रियों को उम्मीद है कि यह रेलवे लाइन क्षेत्रीय परिवहन प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाएगी और पर्यटन को भी प्रोत्साहित करेगी।
रेलवे और राज्य सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना को सफल बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस परियोजना के पूरे होने से पूर्वांचल में विकास के नए द्वार खुलेंगे।