बैंक कर्मचारी ग्राहकों को नहीं बोल सकेंगे ये बात, सरकर ने लिया बड़ा फैसला

हमारा व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें: Click Here

Jambhsar Media Digital Desk : जब भी हम बैंक में जाते हैं तो ग्राहकों की भीड़ होती है और घंटों तक लाइनों में लगने के बाद बैंक कर्मचारी लच के बाद आना अगले आउंटर पर जाओ की बोल देते हैं। जिसकी वजह से खाताधारकों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। दरअसल, सरकार ने बैंक नियमों में बदलाव किए हैं। आइए नीचे खबर में जानते हैं- 

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
Instagram Join Now

बैंक में जाने पर अगर अब भी आपको ‘लंच के बाद आना’, ‘अगले काउंटर पर जाओ’ जैसी बातें सुनने को मिलती हैं, तो जल्द ही आपका बैंकिंग एक्सपीरियंस बदलने जा रहा है. सरकार ने इसके लिए तैयारी कर ली और विशेष तौर पर दिव्यागों की बैंक तक पहुंच बनाने के लिए सरकार ने कड़ी गाइडलाइंस का ड्रॉफ्ट भी शेयर किया है. चलिए जानते हैं कैसे बदलेगा ये सब…?

सरकार के दिव्यांग सशक्तिकरण डिपार्टमेंट ने बैंकिंग सेक्टर तक सभी की पहुंच को आसान और सुगम बनाने के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइंस शेयर की हैं. इस पर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. वैसे डिपार्टमेंट ने ऐसा करने के कई तरीके बताए हैं.

डिपार्टमेंट ने अपने ड्राफ्ट में दिव्यांगों के लिए बैंकों में रैंप बनाने से लेकर कई ऐसी मशीनें लगाने के सुझाव दिए हैं, जो ऑटोमेटिक हों और वॉयस कमांड से ऑपरेट हो सकती हों. इतना ही नहीं, सबको बैंक में अन्य मुश्किलों का सामना ना करना पड़े इसके लिए ज्यादा से ज्यादा डिजिटल सॉल्युशंस और उनके इस्तेमाल करने के तरीकों को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए कहा है.

डिपार्टमेंट का कहना है कि इन गाइडलाइंस का उद्देश्य बैंकिंग सेक्टर में ऐसा माहौल बनाना है, जो हर तरह की क्षमता रखने वाले लोगों के लिए बैंकों तक पहुंच को सुलभ बनाए.

इसके मुताबिक, बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्रोडक्ट्स से लेकर अन्य सुविधाओं की जानकारी सबके समझने के लिए आसान हो. वहीं बैंक के काउंटर भी सभी यूजर्स के लिए सुलभ हों. ये ऐसे बनें हों कि व्हीलचेयर से आने वाले ग्राहक, छोटे कद के व्यक्ति या देखने-सुनने में अक्षम लोग भी उसका आसानी से इस्तेमाल कर सकें.

गाइडलाइंस में एटीएम (ATM) और सेल्फ-हेल्प मशीनों की भी डिटेल दी गई है. इसके अलावा बैंकों को अपनी वेबसाइट और डिजिटल डॉक्युमेंट्स को दिव्यांग यूजर्स के अनुरूप बदलने के लिए भी कहा गया है. आम जनता और स्टेकहोल्डर्स इस पर अपने सुझाव 20 अप्रैल तक दे सकते हैं.

अगर बैंकों के अंदर ज्यादा से ज्यादा डिजिटल सॉल्युशंस और ऑटोमेटिक मशीन को जगह दी जाती है, तो लोगों की ज्यादा से ज्यादा जरूरत उन्हीं मशीनों से पूरी हो जाएगी. ऐसे में उनका बैंक काउंटर पर कम से कम काम पड़ेगा.

हमारा व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें: Click Here

Share This Post

Rameshwari Bishnoi

Rameshwari Bishnoi

Leave a Comment

Trending Posts