Jambhsar Media Digital Desk : क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए एक बड़ी खबर आई है। केंद्रीय बैंक यानी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रेडिट कार्ड जारी करने के नियमों ने बदलाव किए हैं।नए नियम के मुताबिक ग्राहक अपनी मर्जी से न केवल कार्ड का चुनाव कर सकेंगे बल्कि अब इस सर्विसों का भी फायदा उठा सकेंगे, आइए खबर में जानते है RBI द्धारा किए गए इन बदलावों के बारे में पूरी जानकारी।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने क्रेडिट कार्ड धारकों को बड़ी राहत देने के लिए इससे जुड़े नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड को लेकर बैंकों और फाइनेंस कंपनियों की मनमानी को खत्म करने की तैयारी कर ली है। अब ग्राहकों को अपनी मर्जी का क्रेडिट कार्ड चुनने का विकल्प (Option to choose credit card) मिलेगा। नए नियम के मुताबिक ग्राहक अपनी मर्जी से न केवल कार्ड का चुनाव कर सकेंगे, बल्कि अपनी सुविधा के मुताबिक बिलिंग साइकिल चुन सकेंगे। नए नियम में ग्राहकों को आसानी से अपने क्रेडिट कार्ड की बिलिंग (credit card billing) या स्टेटमेंट डेट को अपनी सुविधा के अनुसार बदलने की सुविधा मिलेगी।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने हाल ही में सर्कुलर जारी कर क्रेडिट कार्ड-डेबिट कार्ड यूजर्स को अपनी मर्जी ने कार्ड नेटवर्क्स चुनने का ऑप्शन (Option to choose card networks) दिया। 6 मार्च को जारी इस सर्कुलर के मुताबिक ग्राहक कार्ड इश्यूर्स चाहे वो बैंक हो या फाइनेंशियल कंपनियां उसने अपनी मर्जी का कार्ड नेटवर्क मांग सकते हैं। वीजा, मास्टरकार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस, डायनर्स क्लब इंटरनेशनल और RuPay जैसे कार्ड पेमेंट नेटवर्क में से आप अपनी मर्जी से कोई भी ऑप्शन चुन सकते हैं।
RBI चाहता है कि बैंक या क्रेडिट कार्ड जारी करने वालवे नॉन-बैंक अपने ग्राहकों को कार्ड जारी करते समय अलग-अलग कार्ड नेटवर्क का ऑप्शन दें। वहीं मौजूदा ग्राहकों को उनके कार्ड के रिन्युएबल के समय विकल्प चुनना की सुविधा मिल सके। आरबीआई का ये नियम 6 सितंबर, 2024 से लागू होगा।
आरबीआई ने कार्ड चुनने के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड की बिलिंग को लेकर भी नया नियम जारी किया है। नए नियम के मुताबिक क्रेडिट कार्ड के मौजूदा ग्राहक अपने हिसाब से बिलिंग साइकिल (Billing Cycle) में बदलाव कर सकते हैं। नए नियम में बिलिंग साइकिल में बदलाव की सुविधा ग्राहकों के पास होगी। कार्डहोल्डर अपने हिसाब से बिलिंग साइकिल को चेंज कर सकता है।
क्रेडिट कार्ड कंपनियां ग्राहकों को एक टाइम पीरियड देती है। जिसमें कार्ड से किए गए सभी खर्चों को जोड़कर एक निश्चित तारीख तक बिल के तौर पर आपके पास भेज दिया जाता है। बिल जेनरेट होने के बाद ड्यू डेट तक आपको इसका बिल पे करना होता है। इसे ही बिलिंग साइकिल कहते हैं।अब तक सिर्फ क्रेडिट कार्ड कंपनियां तय करती थी कि ग्राहक के लिए बिलिंग साइकिल क्या होगा, लेकिन अब ग्राहक अपनी मर्जी के मुताबिक कम से कम एक बार अपने क्रेडिट कार्ड की बिलिंग साइकिल (credit card billing cycle) को अपने मुताबिक बदल सकेंगे।