Jambhsar Media Digital Desk : सिबिल स्कोर को क्रेडिट स्कोर के रूप में भी जाना जाता है. ये 3 अंकों की न्यूमेरिक संख्या होती है जो 300 से शुरू होकर 900 तक जाती है. ये आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर तय होती है.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
सिबिल स्कोर को क्रेडिट स्कोर भी कहा जाता है. यह बताता है कि आपने बैंकों से कर्ज लेकर उसका भुगतान किस तरह किया. भुगतान समय पर किया गया या नहीं इससे आपका सिबिल स्कोर या क्रेडिट रेटिंग तय होती है. खराब सिबिल स्कोर का मतलब है कि आपने कर्ज का भुगतान या तो किया ही नहीं या फिर सही समय पर नहीं किया. इसके कई नुकसान हैं जिस पर हम आगे बात करेंगे.
सिबिल (cibil) का फुल फॉर्म क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड है. यही आपका क्रेडिट स्कोर कैलकुलेट और मैंटेन करती है. इससे बैंक को पता चलता है कि आपका अपनी वित्तीय स्थिति पर कितना नियंत्रण है और आपकी वित्तीय स्थिति वाकई कैसी है. सिबिल स्कोप 3 डिजिट में होता है. इसकी शुरुआत 300 से होती है और ये 900 तक जाता है.
750-900 के सिबिल स्कोर को एक्सीलेंट की श्रेणी में रखा जाता है. इसके बाद 650-750 की श्रेणी का सिबिल स्कोर गुड यानी अच्छे की श्रेणी में आता है. 550-650 तक का सिबिल स्कोर एवरेज या औसत कैटेगरी में आता है और अंत में 300-500 का सिबिल स्कोर खराब की श्रेणी में आता है. आपका सिबिल स्कोर जितना अच्छा होगा आपको उतनी सस्ती दर पर और जल्दी लोन मिल जाएगा. अगर यह खराब है तो लोन लेने में आपको काफी परेशानी आएगी.
सिबिल स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर बनाया जाता है. जिस भी शख्स का सिबिल स्कोर तैयार किया जाता है उसकी पिछले 36 महीने की क्रेडिट हिस्ट्री देखी जाती है. इसमें हर तरह के लोन, क्रेडिट कार्ड का खर्च, ओवर ड्राफ्ट फैसिलिटी का इस्तेमाल आदि शामिल किए जाते हैं. इसमें देखा जाता है आपने खर्च किस तरह किया है और उसका भुगतान कैसे किया है.
आप सिबिल की वेबसाइट पर जाएं.
गेट योर सिबिल स्कोर को सलेक्ट करें.
इसके बाद इमेल आईडी, नाम और पासवर्ड डालें.
कोई आईडी प्रूफ जमा कराएं.
इसके बाद पिन कोड, जन्मतिथि और फोन नंबर डालें.
एक्सेप्ट और कंटीन्यू पर क्लिक कर आगे बढ़ें.
मोबाइल पर मिले ओटीपी को क्लिक एंटर करें और आगे बढ़ें.
डेशबोर्ड पर जाकर अपना सिबिल स्कोर चेक करें.
वैरिफिकेश के बाद आपको सिबिल स्कोर मिल जाएगा.