Jambhsar Media News Digital Desk नई दिल्ली: पिछली गहलोत सरकार के कार्यकाल के आखिरी 6 माह के कामकाज और फैसलों की समीक्षा के लिए गठित कैबिनेट कमेटी ने तमाम मंत्रियों को अपने-अपने विभागों से जुड़ी योजनाओं व फैसलों की रिपोर्ट जल्द भेजने के निर्देश दिए हैं।
पिछली गहलोत सरकार के कार्यकाल के आखिरी 6 माह के कामकाज और फैसलों की समीक्षा के लिए गठित कैबिनेट कमेटी ने तमाम मंत्रियों को अपने-अपने विभागों से जुड़ी योजनाओं व फैसलों की रिपोर्ट जल्द भेजने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में 13 फरवरी को हुई मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद मंत्रियों को निर्देश दिए गए थे। इसके बाद से ही अधिकांश मंत्री अपने-अपने विभागों के प्रमुख अधिकारियों के साथ पिछली सरकार के फैसलों और कामकाज की समीक्षा कर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हैं। हालांकि कमेटी ने भी अपने स्तर पर करीब 200 से ज्यादा फैसलों को सूचीबद्ध किया है।
सूत्रों की मानें तो सभी मंत्रियों को विभागों से जुड़े फैसलों की रिपोर्ट 20 फरवरी से पहले कमेटी को भेजनी होगी। कमेटी की अगली बैठक 20 फरवरी को प्रस्तावित है, जिसमें पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों की समीक्षा होगी कि किन-किन योजनाओं को यथावत रखा जाना है और कौन सी योजनाएं व फैसले ऐसे हैं जिनमें संशोधन किया जा सकता है। कुछ योजनाओं को बंद भी किया जा सकता है।
दरअसल पिछली कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम 6 माह में सबसे ज्यादा फैसले और घोषणाएं जिन विभागों में की हैं उनमें चिकित्सा, यूडीएच, पंचायत राज और ग्रामीण विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, राजस्व, खाद्य आपूर्ति, परिवहन आदि प्रमुख हैं।
मंत्रिमंडलीय समिति कांग्रेस सरकार के फैसलों की समीक्षा कर तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंपेंगी और सीएम इस पर फैसला लेंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार के अंतिम 6 माह के कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों की समीक्षा के लिए भाजपा सरकार ने चार मंत्रियों की कमेटी गठित थी। चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर को समिति का संयोजक बनाया गया, जबकि जोगाराम पटेल, सुमित गोदारा और मंजू बाघमार समिति के सदस्य हैं। विपक्ष में रहते भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले की गई घोषणाओं और सरकार के फैसलों पर सवाल खड़े किए थे।