Jambhsar Media News Digital Desk नई दिल्ली: डेबिट-क्रेडिट यूजर्स के लिए एक अहम अपडेट सामने आया है, बताया जा रहा है कि डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड यूजर्स को सावधान रहने की जरूरत है, नहीं तो लेनदेन में दिक्कत हो सकती है, आइए खबर में जानते हैं RBI के बदले हुए नियमों के बारे में।
देश में क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, प्रीपेड कार्ड के नेटवर्क का विस्तार तेजी से हो रहा है और समय-समय पर इनसे जुड़े नियमो में बदलाव भी होता रहता है. देश के केंदीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने हाल ही में क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लिए अपडेटेड गाइडलाइंस या दिशानिर्देश जारी किए हैं. ये नए नियम सभी तरह के कार्ड होल्डर्स की सुरक्षा और सम्मिलित सेफ्टी एक्सपीरीएंस के लिए काफी जरूरी हैं.
इलेक्ट्रॉनिक कार्ड ट्रांजेक्शन्स की और ज्यादा सिक्योर बनाने के लिए आरबीआई ने सभी डेबिट और क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स को एक टू-फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन प्रोसेस के जरिए ही आगे बढ़ने की आज्ञा देता है. इसके तहत कार्डहोल्डर्स को अतिरिक्त वेरिफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है- जैसे कोई यूनीक पिन या वन टाइम पासवर्ड के जरिए ही आपका ट्रांजेक्शन सुरक्षित रूप से हो सकता है.
आरबीआई ने कार्डधारकों को एक और सुविधा देते हुए कॉन्टैक्टलेस कार्ड ट्रांजेक्शन्स की लिमिट में संशोधन कर दिया है. कार्डधारक बिना पिन एंटर किए हुए 5000 रुपये तक के कॉन्टेक्टलैस पेमेंट्स प्रति ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. इस बदलाव के जरिए आरबीआई की कोशिश है कि छोटे ट्रांजेक्शन्स के लिए डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ाया जा सके और उन्हें आसान बनाया जा सके.
डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स के इंटरनेशनल इस्तेमाल पर आरबीआई ने कुछ सीमा लगाई है. कार्डधारकों को अपनी प्रिफरेंस के हिसाब से अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन्स के लिए कार्ड को इनेबल या डिसेबल करना जरूरी है. इस फीचर के जरिए कार्डधारकों को देश से बाहर उनके कार्ड के गलत इस्तेमाल से बचाव हो सकेगा.
आरबीआई ने सभी बैंकों को अनिवार्य रूप से ग्राहकों को सभी तरह के कार्ड ट्रांजेक्शन के लिए एसएमएस और ईमेल अलर्ट्स भेजने के निर्देश दिए हुए हैं. ये सभी अलर्ट्स रियल टाइम अपडेट की तरह होने चाहिए और ट्रांजेक्शन होने के ज्यादा से ज्यादा 5 मिनट के अंदर ग्राहकों तक पहुंच जाने चाहिए.
कस्टमर्स को फ्राड और धोखाधड़ी से बचाने के लिए आरबीआई ने फेल होने वाले कार्ड ट्रांजेक्शन्स पर भी लिमिट लगा दी है. अगर कोई कार्ड ट्रांजेक्शन फेल होता है तो बैंक और वित्तीय संस्थान को एक तयशुदा समय के भीतर ग्राहकों को उसके पैसे का रिफंड लौटाना होगा. इसके अतिरिक्त अगर बैंक या वित्तीय संस्थान ने फेल हुए लेनदेन पर कोई चार्ज लिया है तो उसे भी ग्राहक को लौटाना होगा.