Jambhsar Media Digital Desk : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव किया है। अगर आप भी डेबिट-क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपको नए नियम के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आइए खबर में जानते है RBI द्धारा बदलें गए इन नियमों से ग्राहकों को कितना होगा फायदा…
Credit Card अक्सर हमारी पैसों की फौरी जरूरत को पूरा करने में काफी मददगार साबित होता है। इससे हमें अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने और पैसों का मैनेजमेंट बेहतर करने की स्किल भी मिलती है।
इससे जाहिर होता है कि क्रेडिट कार्ड की हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में काफी अहमियत है। ऐसे में हमारा इससे जुड़े नियमों से वाकिफ होना भी जरूरी है।
RBI ने क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों (credit card related rules) में कुछ संशोधन किए हैं, जो 7 मार्च से लागू होंगे। केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों की शंकाओं का समाधान करने के लिए FQA भी जारी किए हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।
RBI ने बैंकिंग धोखाधड़ी को कम करने के लिए क्रेडिट कार्ड का ओवरलिमिट इस्तेमाल करने के लिए कार्डधारक की सहमति पहले लेने को अनिवार्य कर दिया है। मतलब कि अगर आपने बैंक स्पष्ट रूप से बताया है कि आप अपने कार्ड का ओवरलिमिट इस्तेमाल करना चाहते हैं, तभी इसकी इजाजत मिलेगी।
साथ ही, कस्टमर को कार्ड जारी करने वाले संस्थान के मोबाइल बैंकिंग या किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर शुरू या बंद करने का विकल्प भी दिया जाए। बिना कस्टमर की स्पष्ट सहमति के ना तो ओवरलिमिट दी जा सकती है और ना ही उसके लिए कोई चार्ज लगाया जा सकता है।
कार्ड जारी करने वाले वित्तीय संस्थानों के लिए स्पष्ट निर्देश हैं कि वे इसे जारी करने से पहले ग्राहक की रजामंदी लें। हालांकि, अगर आपने क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई नहीं किया है और वह आपको मिलता है, तो उसे ओटीपी या किसी माध्यम से सक्रिय करने की सहमति नहीं देनी चाहिए।
ग्राहक कार्ड जारी करने वाले संस्थान के पास शिकायत कर सकता है। अगर वहां उसकी बात नहीं सुनी जाती, तो वह RBI लोकपाल के पास भी जा सकता है।
कई अकाउंट्स में ओवरड्राफ्ट, कैश लोन और वर्किंग कैपिटल लोन जैसी कर्ज वाली फैसिलिटी होती है। इनके लिए भी क्रेडिट कार्ड जारी करने की कोई मनाही नहीं है। लेकिन, इसकी कुछ शर्तें हैं। अब जैसे कि ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी में जितनी रकम कर्ज के तौर पर मिल सकती है, उसे निकालने के लिए खास तरह का क्रेडिट कार्ड जारी किया जा सकता है।
इस क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल की सभी शर्तें, जैसे कि रीपेमेंट, फाइन, ब्याज और निकासी सीमा, ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी पर लागू नियमों और शर्तों के हिसाब से ही होंगी।