Jambhsar Media News Digital Desk नई दिल्ली: पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, निजामुद्दीन और आनंद विहार के बाद अब दिल्ली को एक और रेलवे स्टेशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट बिजवासन में अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन के लिए जमीन को लेकर अड़चनें दूर हो गई हैं। बिजवासन में अभी छोटा रेलवे स्टेशन है। इसे बड़े स्टेशन के रूप में विकसित करने के बाद यहां से महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए ट्रेनों का परिचालन हो सकता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें दावा किया था कि जिस जमीन पर रेलवे स्टेशन का विस्तार करने की योजना है, वह वन विभाग की है।
एनजीटी प्रमुख जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल की पीठ ने रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) और दिल्ली सरकार के वन विभाग के जवाबों पर विचार करने के बाद याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने फैसले में माना है कि 1 लाख 24 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल वाली जमीन, जिस पर बिजवासन रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कार्य हो रहा है, वह वन विभाग का नहीं है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि जमीन वन विभाग की है और स्टेशन के पुनर्विकास के लिए करीब 1100 पेड़ों को अवैध रूप से काटा जा रहा है। रेलवे ने कहा था कि अभी तक कोई पेड़ नहीं काटा है। रेलवे की दलीलों को स्वीकार करते हुए एनजीटी ने आरएम आसिफ की याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा है कि याचिकाकर्ता ने संबंधित जमीन वन भूमि है और पेड़ों को अवैध रूप से काटा जा रहा है, इस बारे कोई ठोस साक्ष्य नहीं दिया है।
द्वारका सेक्टर-21 मेट्रो स्टेशन पास होने की वजह से यह रेलवे स्टेशन यात्रियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यहां पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अंतर्राज्यीय बस अड्डा बनाने की भी योजना है। आने वाले समय में महत्वपूर्ण ट्रांसपोर्ट हब बनने जा रहा है। यहां से यात्रियों के लिए बस, मेट्रो, रेलगाड़ी एवं हवाई जहाज की सुविधा होगी।
बिजवासन रेलवे टर्मिनल बनने के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से भीड़ कम होगी। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान की तरफ यहां चलने वाली सभी ट्रेने बिजवासन टर्मिनल से चलेंगी। इससे नई दिल्ली स्टेशन पर ट्रेनों और यात्रियों की भीड़ कम होने के चलते आसपास के इलाकों में यातायात जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।