Jambhsar Media News Digital Desk नई दिल्ली: आज के समय में जयपुर शहर में उतार-चढ़ाव वाली सर्दी का दौर चल रहा हैं लेकिन बीसलपुर सिस्टम से पेयजल की मांग बढती जा रही है। ऐसे में फिलहाल जलदाय इंजीनियर राहत की सांस ले रहे हैं, लेकिन उनकी चिंता है कि अगले महीने से गर्मी की शुरुआत हो जाएगी।
जयपुर शहर में अभी उतार-चढ़ाव वाली सर्दी का दौर जारी है और बीसलपुर सिस्टम से पेयजल की मांग भी स्थिर बनी हुई है। ऐसे में फिलहाल जलदाय इंजीनियर राहत की सांस ले रहे हैं, लेकिन उनकी चिंता है कि अगले महीने से गर्मी की शुरुआत हो जाएगी और गर्मियों में पेयजल व्यवस्था बनाए रखने के लिए नए नलकूप खोदने, नए पंप खरीदने व अन्य सामग्री की खरीद के लिए दर संविदा( रेट कांट्रेक्ट टैंडर) की शीर्ष स्तर से मंजूरी अभी तक नहीं मिली है। अगर लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू हो गई तो दो माह तक टैंडर प्रक्रिया नहीं की जा सकेगी और गर्मियों में शहर में पेयजल प्रबंधन करना मुश्किल होगा। तब लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा।
शहर में गर्मियों में पेयजल प्रबंधन की तैयारियों को लेकर जलदाय इंजीनियरों से बात की तो उनका यही कहना था कि सामग्री खरीद की दर संविदा में कम के कम एक महीने का समय लगता है। इसके लिए अभी तक जलभवन से मंजूरी नहीं मिली है। मार्च का महीना तो किसी तरह निकल जाएगा लेकिन अप्रेल में गर्मी परवान पर चढ़ना शुरू होगी। इसी दौरान लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लागू होगी। ऐसे में 60 से 70 दिन तक खरीद प्रक्रिया से जुडे़ टैंडर नहीं हो सकेंगे और गर्मियों में शहर में पेयजल प्रबंधन करना मुश्किल होगा।
सांगानेर, विद्याधर नगर, ब्रह्मपुरी, मालवीय नगर, ज्योति नगर, जगतपुरा समेत कई इलाकों में गर्मियों में पानी की किल्लत से परेशान होंगे। हालांकि टैंकरों से पेयजल व्यवस्था की मंजूरी 31 मार्च तक है लेकिन शहर में टैंकरों से पेयजल प्रबंधन नाकाफी साबित होता है। नलकूपों से शहर में शहर की 40 फीसदी पेयजल व्यवस्था का प्रबंधन होता है।