Jambhsar Media Digital Desk : एडवर्स पोजेशन का कानून (Adverse Possession Rule) अंग्रेजों के जमाने में शुरू हुआ था. यही कानून है जो किसी किराएदार को एक प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक दे सकता है. ऐसा होना हालांकि बहुत मुश्किल है, मगर कई बार लोग लापरवाही में ऐसी गलती कर बैठते हैं, जो उन्हें भारी पड़ जाती है.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
12 साल आपका मकान या जमीन किराएदार की हो सकती है! यह बात सुनने में जितनी अटपटी लगे लेकिन यह सच है. ऐसा एडवर्स पोजेशन (Adverse Possession) रूल के कारण होता है. गांव से लेकर बड़े-बड़े शहरों तक में लोग एक्स्ट्रा इनकम के लिए अपनी प्रॉपर्टी को रेंट पर दे देते हैं. ऐसा करने में कोई दिक्कत भी नहीं है लेकिन परेशानी तब खड़ी होती है जब उस जगह को प्रॉपर्टी ओनर लावारिस की तरह छोड़ देता है.
प्रॉपर्टी कानून में कुछ ऐसे नियम भी हैं, जहां लगातार 12 साल तक किसी प्रॉपर्टी पर रहने के बाद किरायेदार उस पर हक का दावा कर सकता है. हालांकि, इसकी शर्तें काफी कठिन है, लेकिन आपकी संपत्ति विवाद के घेरे में आ सकती है. एडवर्स पोजेशन या प्रतिकूल कब्जे का कानून अंग्रेजों के समय का है. ये कानून कैसे काम करता है हम आपको बताते हैं.
दरअसल, किसी प्रॉपर्टी को आपने किराए पर दिया हुआ या फिर ऐसे ही खाली छोड़ा हुआ है. उस पर कोई और कब्जा करके 12 साल से रह रहा है तो वह शख्स प्रॉपर्टी पर दावा कर सकता है. अगर आप किराएदार से हर महीने पैसे ले भी रहे हैं तो भी आपकी संपत्ति आपके हाथ से जा सकती है. इससे कैसे बच सकते हैं इसके बारे में आपको आगे बताएंगे. एक बात और यह कि यह कानून सरकारी संपत्ति पर लागू नहीं होता है. सरकारी संपत्ति के कब्जे से संबंधित कानून में टाइम बढ़ जाता है. केवल निजी संपत्ति पर ही 12 साल बाद दावा किया जा सकता है.
अपनी किसी भी प्रॉपर्टी को लावारिस की तरह ना छोडे़ं. उस पर अपना कब्जा जमाएं. अगर किसी प्रॉपर्टी को आपने रेंट पर दिया हुआ है तो रेंट एग्रीमेंट जरूर कराएं. छोटे शहरों में यह आमतौर पर देखा जाता है कि बगैर रेंट एग्रीमेंट के ही लोग अपने घर को किराए पर दे देते हैं और सिर्फ किराए लेते रहते हैं. ऐसा बिलकुल ना करें. रेंट एग्रीमेंट 11 महीने का होता है और इसे हर 11 महीने पर रिन्यू कराते रहें. अगर आपको लगता है कि आपकी प्रॉपर्टी पर कोई अवैध कब्जा कर रहा है तो तुरंत उसके खिलाफ कोर्ट जाएं. क्योंकि 12 साल के बाद उस प्रॉपर्टी पर आपकी बाद कोर्ट भी नहीं सुनेगा. आप चाहें तो समय-समय पर किराएदार बदल सकते हैं.