Jambhsar Media News Digital Desk नई दिल्ली: अगर आपके सामने भी कभी ऐसी परिस्थिति आ जाए, जिसके कारण आपको मजबूरन EMI Bounce करनी पड़ जाए, तो ऐसे में परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसी स्थिति में ये 4 जरूरी कदम उठाएं, ताकि आपके सिबिल स्कोर पर इसका असर न पड़े…
घर या कार खरीदते समय होम लोन और कार लोन लेना आज के समय में आम बात हो गया है. इसके अलावा कई बार लोग जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन वगैरह भी लेते हैं. जब भी आप कोई लोन लेते हैं तो आपको एक निर्धारित तिथि पर ईएमआई चुकानी पड़ती है, वरना बैंक की तरफ से पेनल्टी लगाई जाती है. लेकिन कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है कि ईएमआई चुकाना भी मुश्किल हो जाता है.
अगर आपके सामने भी कभी ऐसी परिस्थिति आ जाए, जिसके कारण आपको मजबूरन EMI Bounce करनी पड़ जाए, तो परेशान न हों. ऐसी स्थिति में 4 जरूरी कदम उठाएं, ताकि आपके सिबिल स्कोर पर इसका असर न पड़े और आपको भविष्य में इसके कारण कभी कोई परेशानी न हो.
इस मामले में बैंक के रिटायर अधिकारी ए के मिश्र कहते हैं कि अगर आपने ऐसा जानबूझकर नहीं किया है, किसी मुश्किल या विपरीत परिस्थिति अचानक आने की वजह से आपकी ईएमआई बाउंस हुई है तो आपको सबसे पहले बैंक की उस शाखा में जाना चाहिए, जहां से आपने लोन लिया है. वहां जाकर मैनेजर से मिलें और उनसे इस बारे में बात करें. अपनी समस्या बताएं और उन्हें भविष्य में ऐसा न होने का भरोसा दें. अगर आपकी बात वाजिब होगी तो इस समस्या का समाधान आसानी से हो सकता है. ऐसे में अगर बैंक की ओर से पेनल्टी लगाई भी जाती है, तो वो इतनी नहीं होगी कि आप दे न सकें.
अगर आपने लगातार तीन महीने तक किस्त को बाउंस किया है, तो आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता है क्योकि बैंक मैनेजर तीन महीने तक किस्त बाउंस होने पर सिबिल स्कोर के लिए रिपोर्ट भेजता है. लेकिन अगर आपकी एक या दो किस्त बाउंस हुई हैं तो आप बैंक मैनेजर से बात करके उन किस्तों को भरें और मैनेजर से रिक्वेस्ट करें कि वो आपके सिबिल में निगेटिव रिपोर्ट न भेजें. साथ ही, उन्हें भरोसा दिलाएं कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. सिबिल स्कोर खराब होने पर आपको अगली बार लोन लेने में परेशानी हो सकती है.
अगर आपकी समस्या ज्यादा बड़ी है और आपको लगता है कि आप कुछ समय तक किस्त को चुका पाने में असमर्थ हैं तो आप मैनेजर को अपनी मजबूरी बताकर कुछ समय तक किस्त को होल्ड करने के लिए आवेदन लगा सकते हैं. कुछ समय बाद आप पैसों का इंतजाम होने पर रकम चुका सकते हैं. इससे आपको मुश्किल समय में थोड़ी राहत मिल जाएगी.
अगर आपकी सैलरी लेट आती है या निर्धारित तिथि तक आपके पास ईएमआई के पैसों का इंतजाम नहीं हो पाता और इसके कारण ईएमआई बाउंस हो रही है, तो आप आप एरियर EMI के लिए मैनेजर से बात कर सकते हैं. लोन की किस्त की तारीख आमतौर पर महीने की शुरुआत में होती है, इसे एडवांस EMI कहते हैं. ज्यादातर लोन लेने वालों को एडवांस ईएमआई का विकल्प दिया जाता है. लेकिन अगर आप चाहें तो आप एरियर EMI का विकल्प भी ले सकते हैं. इसमें आप महीने की आखिर में अपनी किस्त चुकाते हैं.