Jambhsar Media Desk, New Delhi: पुरे देश में किसान आन्दोलन चल रहा है इसी बीच राजस्थान के किसानों को जल्द ही एक बड़ी सौगात मिल सकती है. इस बार MSP पर गेंहू की खरीद का लक्ष्य बढ़ा दिया गया है. प्रदेश में भारतीय खाद्य निगम अन्य खरीद एजेंसियों के साथ रबी विपणन वर्ष 2024-25 में एमएसपी पर गेहूं खरीद का लक्ष्य 20 लाख मीट्रिक टन रखा गया है।
पिछले दो सालों से खरीद लक्ष्य पूरा नहीं होने से इस बार खरीद केन्द्रों की संख्या में दोगुनी वृद्धि की गई है। एमएसपी में 150 रुपए की वृद्धि के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है, साथ ही राज्य सरकार की तरफ से 125 रुपए का बोनस दिया जाएगा यानी किसानों को प्रति क्विंटल 2400 रुपए का भुगतान किया जाएगा। गेहूं खरीद 10 मार्च से 30 जून तक जारी रहेगी।
खरीद केन्द्रों की भी बढ़ाई गई है संख्या
भारतीय खाद्य निगम के महाप्रबंधक सौरभ चौरसिया ने बताया कि एमएसपी पर गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करने के लिए इस साल प्रदेश में खरीद केन्द्रों की संख्या 230 से बढ़ाकर 467 की गई है। कोटा सम्भाग में पिछले साल 77 खरीद केन्द्र थे, जो इस साल बढ़ाकर 163 कर दिए गए है। हर साल गेहूं खरीद 1 अप्रेल से की जाती थी, लेकिन इस साल खरीद 10 मार्च से की जा रही है, क्योंकि हाड़ौती में गेहूं की आवक 15 मार्च से ही हो जाती है।
हजारों की संख्या में रजिस्टर्ड हुए किसान
महाप्रबंधक ने बताया कि अभी तक राज्य में 25 हजार 500 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। कोटा सम्भाग में 13700 किसान रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। रजिस्ट्रेशन में कोई दिक्कत हो तो किसान हेल्पलाइन नम्बर 18001806030 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
अब नहीं रहेगी गिरदावरी की जरुरत
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। अब रजिस्ट्रेशन कराने के लिए गिरदावरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। अलग-अलग स्थानों पर रजिस्ट्रेशन कैम्प भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें अधिकारी ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन कराने में किसानों की मदद करेंगे। मंदिर माफी की जमीन पर काश्त करने वाले किसानों की खरीद को लेकर राज्य सरकार से चर्चा चल रही है।
पिछले साल भी देखने को मिली थी बढ़ोतरी
पिछले साल प्रदेश में 60 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, जिसमें से 32 हजार किसानों से 4.4 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई।
सम्भाग में कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़ व सवाईमाधोपुर में 9868 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया और 3883 किसानों से 33 हजार 200 मैट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी। पिछले साल बाजार भाव एमएसपी से ज्यादा होने से किसानों ने खरीद केन्द्रों पर गेहूं विक्रय नहीं किया।