भजनलाल हमें सूट करते हैं: अशोक गहलोत के व्यंग्य ने राजस्थान की सियासत में फिर मचाया हंगामा

हमारा व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें: Click Here

भजनलाल हमें सूट करते हैं: राजनीति में जब कोई बुज़ुर्ग नेता कुछ कहता है, तो वह सिर्फ़ शब्द नहीं होता—वो इशारा होता है, रणनीति होती है, और कभी-कभी चुटकी में बड़ी बात कह दी जाती है।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जिनकी राजनीतिक शैली में तंज और ठहराव दोनों शामिल हैं, एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वजह है उनका बयान—“भजनलाल हमें सूट करते हैं।”

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
Instagram Join Now

पिछले कुछ महीनों से चुपचाप रहकर राजनीति को दूर से देखने वाले गहलोत अब एक बार फिर मैदान में सक्रिय हो चुके हैं। और उनका ये नया बयान न सिर्फ़ सीधे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर इशारा करता है, बल्कि सत्ता के गलियारों में चल रही हलचलों को भी उजागर करता है।

गहलोत ने साफ शब्दों में कहा—

हमें कौन सी दिक्कत है? आप तो हमें सूट करते हैं। हम तो चाहेंगे कि आप पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहें। अभी तो डेढ़ साल ही हुआ है, आगे का सफर भी देखेंगे।”

ये बयान पहली नज़र में सामान्य तंज लग सकता है, लेकिन अगर गहराई से देखा जाए, तो यह राजस्थान की मौजूदा राजनीति में चल रही अंतर्कलह और भाजपा के अंदरूनी समीकरणों पर भी एक तरह की टिप्पणी है।

सूट करते हैं” का असली मतलब क्या है?

राजनीति में सूट करना” का मतलब सिर्फ़ पसंद होना नहीं होता। यह कई बार कमज़ोरी का फायदा होना” या दूसरे की रणनीतिक विफलता” का संकेत भी हो सकता है।

गहलोत का ये कहना कि “भजनलाल हमें सूट करते हैं”, असल में उनके विरोध को खुलकर सामने लाने के बजाय एक शांत, व्यंग्यात्मक चोट है। मानो वे यह कह रहे हों कि—भजनलाल की नेतृत्व शैली से विरोधियों को कोई चुनौती महसूस नहीं हो रही।

बीते दिनों के षड्यंत्रवाले बयान की पृष्ठभूमि

याद रहे, कुछ ही समय पहले गहलोत ने दावा किया था कि जयपुर और दिल्ली में मुख्यमंत्री भजनलाल को हटाने की कोशिशें चल रही हैं। उनका कहना था:

हम तो चाहते हैं कि वे बने रहें, लेकिन उनके अपने लोग ही उन्हें हटाना चाह रहे हैं।”

इस बयान ने भाजपा के अंदर ही उथल-पुथल मचा दी थी। भाजपा नेताओं ने इस पर खंडन तो किया, लेकिन पार्टी के भीतर चल रही गुटबाज़ी को पूरी तरह नकार भी नहीं पाए।

गवर्नेंस पर सीधा वार: ऐसे ही काम चला तो नुकसान होगा

गहलोत ने सिर्फ़ तंज नहीं कसा, बल्कि सरकार को चेतावनी भी दी।
उन्होंने कहा कि भजनलाल के पास इस वक्त सत्ता की पूरी ताक़त है, लेकिन यदि गवर्नेंस (शासन शैली) ऐसे ही ढीली रही, तो इसका नुकसान खुद सरकार को उठाना पड़ेगा।”

उन्होंने दौसा विधायक के घर चोरी की घटना का हवाला देते हुए कहा—

जब एक जनप्रतिनिधि सुरक्षित नहीं है, तो आम आदमी की स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।”

राजनीति का अनुभव बनाम नेतृत्व की ऊर्जा

गहलोत के तमाम बयानों के बीच एक बात स्पष्ट है—वे अनुभव बनाम ऊर्जा” की बहस को हवा देना चाहते हैं। उन्होंने पहले भी भजनलाल को अनुभवहीन बताया था और कहा था कि उनकी बातों को ज्यादा माइंड नहीं करना चाहिए।”
ऐसा कहकर वे न सिर्फ़ अपनी राजनीतिक पकड़ और समझ को जताते हैं, बल्कि युवा नेतृत्व की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करते हैं।

राजनीतिक मौनके पीछे की रणनीति

गहलोत ने अभी तक कोई आक्रामक आंदोलन या जनसभा नहीं की है, लेकिन उनके शब्द धीरे-धीरे माहौल तैयार कर रहे हैं।
वे बार-बार यही दोहरा रहे हैं कि हमको आप सूट करते हैं।”
यह एक चालाक राजनीतिक undercut (अंदरखाने वार) है, जो सामने से नहीं, पीछे से चोट करता है।

राजनीति में तंज भी होता है एक हथियार

राजस्थान की राजनीति फिलहाल दो धाराओं में बह रही है—एक तरफ सत्ता पक्ष की आपसी खींचतान, और दूसरी ओर विपक्ष की चुपचाप मगर सधी हुई तैयारी।
गहलोत का ताजा बयान भले ही सीधे हमला न लगे, लेकिन उसमें छिपे संदेश साफ हैं:
भजनलाल की मौजूदगी विपक्ष के लिए लाभदायक है, और शायद इसी वजह से वे उन्हें ‘सूट’ करते हैं।”

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भजनलाल शर्मा इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं—या फिर उनकी पार्टी इस तंज को समझती भी है या नहीं।

हमारा व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें: Click Here

Share This Post

JambhsarMedia

JambhsarMedia

Beerma Ram is the owner of Jambhsar Media, who has been working in Media field since 2018, covering news of religious, political, social fields, connecting with rural life, living with backward people, educating illiterate people. Creating awareness, serving the poor and serving wildlife through my organization Jambhsar Hitkarini Snsthaan, saving rare animals has always been my goal.

Leave a Comment

Trending Posts