Jambhsar Media Digital Desk : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के बैंकिंग सिस्टम को सुधाने के लिए सख्ती से काम कर रहा है। पिछले दिनों सबसे पहले आरबीआई ने पेटीम पेमेंट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए बैंक को बंद कर दिया है। इसके बाद केंद्रीय बैंक ने आईआईएफएल (IIFL) को गोल्ड लोन बांटने से रोक दिया। वहीं, अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग की ओर से सभी बैंकों को गोल्ड लोन (gold loan) से जुड़ा लेटर लिखा गया है। आइए नीचे खबर में जानते हैं क्या है इस लेटर में-
पिछले काफी दिनों से आरबीआई एक्शन मोड में नजर आ रहा है। अब सरकारी बैंकों के गोल्ड लोन अकाउंट्स (Gold Loan Accounts) पर सरकार कड़ी नजर रख रही है। दरअसल, वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों को लेटर लिखकर गोल्ड लोन बुक्स की समीक्षा करने को कहा है। यह लेटर इसलिए भी अहम है क्योंकि पिछले हफ्ते केंद्रीय रिजर्व बैंक ने IIFL फाइनेंस पर कार्रवाई करते हुए नए गोल्ड लोन (new gold loan) को मंजूरी देने पर रोक लगा दिया था।
एक रिपोर्ट में सूत्रों ने बताया कि सरकार और नियामक चिंतित हैं कि गोल्ड की कीमतों (gold prices) में उछाल की वजह से लेंडर्स यानी बैंकों मौजूदा लोन पर टॉप-अप लोन देने की योजना बना रहे होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (Financial Services Department) ने लेटर में सभी बैंकों से 1 जनवरी के बाद जारी किए गए प्रत्येक गोल्ड लोन अकाउंट की समीक्षा करने और गोल्ड लोन के collateral वैल्यू का आकलन करने को कहा।
इसके साथ ही अकाउंट, कलेक्शन चार्ज आदि का विश्लेषण करने को भी कहा गया है। लेटर में कहा गया है कि जिस तरह से जरूरी गोल्ड गारंटी के बिना गोल्ड लोन वितरित किए जा रहे हैं, उस पर प्रमुख चिंताएं हैं। इसमें कहा गया है कि गोल्ड-लोन खातों (gold-loan accounts) पर लागू शुल्क और ब्याज के संग्रह और खाते को बंद करने में विसंगतियां देखी गईं।
यह सर्कुलर साल-दर-साल आधार पर गोल्ड लोन (gold loan) में बढ़ोतरी के मद्देनजर जारी किया गया था। बता दें कि गोल्ड की कीमतों में 16.6 प्रतिशत की तेजी की तुलना में गोल्ड लोन में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। बीते 26 जनवरी को सोने के आभूषणों (gold jewelery) के बदले लोन 1.01 लाख करोड़ रुपये था। वहीं, सोने की कीमतें 66,880.00 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई हैं।
बता दें कि रिजर्व बैंक ने IIFL फाइनेंस लिमिटेड को गोल्ड लोन स्वीकृत करने या वितरित करने से रोक दिया था। केंद्रीय बैंक ने कहा- कंपनी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में निगरानी स्तर पर कुछ चिंताएं पाई गईं। इनमें कर्ज की मंजूरी के समय और चूक पर नीलामी के समय सोने की शुद्धता और शुद्ध वजन की जांच और सत्यापन के मामले में खामियां शामिल हैं।