Jambhsar Media News Digital Desk नई दिल्ली: मौसम में बदलाव किसानों के लिए कहीं आफत कहीं सौगात लेकर आया. मावठ की बारिश शेखावटी इलाके के किसानों के लिए वरदान बन गयी लेकिन चुरू में बारिश ने उनकी कमर तोड़ दी. सरकार ने किसानों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. किसान तुरंत सूचना दें. सरकार का दावा है 72 घंटे के अंदर मुआवजे के लिए कार्रवाई शुरू हो जाएगी.
सोमवार देर रात शेखावटी इलाकों सीकर और झुंझुनू के कई गांवों में बारिश हुई. यहां एक से दो एमएम तक बारिश दर्ज की गई. इससे पारा नीचे लुढ़कने के कारण वातावरण में नमी बनी हुई है जो रबी फसल के लिए वरदान है. संभावना है कि इस बार फसल अच्छी रहेगी.
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार फसलों को साल में 20 से 40 इंच तक बारिश की जरूरत होती है. ये मात्रा फसल, मिट्टी के प्रकार और क्षेत्र की जलवायु के आधार पर थोड़ी अलग हो सकती है. किसानों के पास सिंचाई का विकल्प रहता है लेकिन बारिश के पानी में नाइट्रोजन रहता है. जो फसल की बढ़त में काफी फायदेमंद है. वायुमंडल में मौजूद नाइट्रोजन गैस बारिश के पानी में घुलकर आती है.
मावठ की बारिश में फसलों को पानी के साथ भरपूर नाइट्रोजन मिलती है. ये दलहनी और गेहूं की पैदावार बढ़ाएगी. इसके अलावा जमीन में बढ़े नमी के स्तर से भी नाइट्रोजन का स्तर बढ़ता है जो मटर, मसूर, चना और सरसों की फसल के लिए लाभकारी है. इससे पौधों का तना मजबूत होगा. तना मजबूत होने से फसलों के फूल अधिक होंगे और इससे पैदावार अच्छी होगी.
पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण सीकर के कुछ इलाकों और चुरू में तेज हवा के साथ आई बारिश औऱ ओले गिरे. इससे यहां रबी की फसलों को नुकसान हुआ. चुरू जिले में तारानगर, सादुलपुर, रतनगढ़ और सुजानगढ़ के ग्रामीण इलाकों में ओलों से नुकसान हुआ. सीकर में दांतारामगढ़ इलाके में गेहूं और जौ की फसल आड़ी पड़ गई है.
ओला बारिश से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. सरकार किसानों की मदद के लिए आगे आयी है. खराब हुई फसल का मुआवजा किसानों को दिया जाएगा. पटवारी और गिरदावर को तत्काल सूचना देना होगी. पटवारी मौके पर पहुंचकर रिपोर्ट तैयार करेंगे. इसके अलावा किसान फसल बीमा कंपनी को भी सूचित कर सकते हैं. कंपनी का टोल फ्री नंबर 18001024088 है. इस नंबर पर 72 घंटे के अंदर सूचना देना होगी.