Jambhsar Media Digital Desk : भारत देश में बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार काफी यतन कर रही है। इन्ही प्रयासें के चलते सरकार ने पीली मटर आयात को बढ़ा दिया है। नई आवक बढ़ने का असर चना के भाव पर दिख रहा है। आवक के दबाव में सप्ताह भर में चना की कीमतों में कमी आई है। आइए जान लेते है कि पहले और अब कितनी है चने की कीमतें…
महंगाई का आलम ऐसा हो गया है कि गरीबों की थाली से अनाज गायब होता जा रहा है. ऐसे में सरकार इस बढ़ती महंगाई पर नकेल कसनें के लिए काफी प्रयास कर रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चना की महंगी कीमत के चलते दालों की महंगाई दर लगातार तीसरे माह दोहरे अंक पर दर्ज की गई है. अब सरकार ने पीली मटर आयात को बढ़ा दिया है और भारत ब्रांड चना (Bharat Brand Chana) सस्ती कीमत में बेचे जाने से चना (बंगाल चना) की कीमत एक महीने पहले की तुलना में कीमतों को नीचे ला दिया है. राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों की मंडियों में चना की कीमत एमएसपी रेट के आसपास या उससे नीचे दर्ज की गई है.
जानकारी के लिए बता दें कि मार्च में चना की मांग (demand for gram) में सुस्ती देखी गई है. इसके चलते भी फरवरी की तुलना में मार्च के दौरान चना (बंगाल चना) की कीमतों में थोड़ी नरमी दर्ज की गई है. सूत्रों के अनुसार भारत दाल को 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध कराने के सरकार के कदम और पीली मटर के आयात में बढ़ोत्तरी के साथ ही चना की नई फसल की बाजार में आवक बढ़ने के चलते कीमतें नरम हुई हैं.
सामने आए डेटा के अनुसार इस महीने लगभग सभी उत्पादक राज्यों में औसत मंडी कीमतें कम हो गई हैं. मध्य प्रदेश की कई मंडियों जैसे हरदा और गंजबासौदा में चने का मॉडल मूल्य मंगलवार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के स्तर के आसपास या उससे नीचे रहा. इसी तरह राजस्थान की बूंदी और कोटा जैसी मंडियों में चने का मॉडल मूल्य मंगलवार को एमएसपी से नीचे रहा. 2024-25 रबी मार्केटिंग सीजन के लिए चना का एमएसपी 5,440 रुपये प्रति क्विंटल है.
बता दें कि ज्यादातर मंडियों में चना की कीमतें (gram prices) स्थिर हैं, जबकि कुछ मंडियों में एमएसपी से नीचे या आसपास दाम चल रहा है. चने की मांग सुस्त है. होली के बाद बाजार में चने की आवक बढ़ने की उम्मीद है. लेकिन, वर्तमान में मांग सुस्त हो गई है.
ऐसे में इंडिया पल्सेज एंड ग्रेन्स एसोसिएशन को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बड़ी मात्रा में चना की नई फसल की आवक होगी, जिसके चलते कीमतों में बढ़ोतरी की कोई गुंजाइश नहीं है. इसके अलावा पीली मटर का भी काफी आयात हो रहा है.
बता दें क सरकार ने पीली मटर के टैक्स फ्री इंपोर्ट (Tax free import of yellow peas) अवधि एक महीने बढ़ाकर अप्रैल तक कर दी है. एसोसिएशन के अनुसार 8 दिसंबर 2023 से पीली मटर का आयात खोला गया है तब से 30 अप्रैल तक लगभग 1.5 मिलियन टन पीली मटर के आयात की उम्मीद है. जबकि, चना की घरेलू पैदावार भी खुलकर बाजार में आ जाएगी. ऐसे में आने वाले सप्ताह में चना की कीमतों में तेजी से गिरावट देखे जाने का अनुमान है.