“हनुमान बेनीवाल भगवान भरोसे हैं”: हाकम अली खान के बयान से बवाल, समर्थकों में उबाल

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हनुमान बेनीवाल भगवान भरोसे हैं: राजस्थान की राजनीति एक बार फिर शब्दों की आग में तप रही है। जाट राजनीति के मजबूत स्तंभ, सांसद हनुमान बेनीवाल को लेकर कांग्रेस विधायक हाकम अली खान के हल्के-फुल्के शब्दों ने इस बार कुछ ज्यादा ही गहराई से चोट पहुंचाई है। बात इतनी बढ़ी कि नागौर और फतेहपुर की गलियों से लेकर जयपुर तक राजनीतिक पारा चढ़ गया है।

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बात एक इंटरव्यू से शुरू हुई, जहां विधायक हाकम अली खान ने हंसी में कही बात, अब सियासी संग्राम बन चुकी है। और ये कोई पहली बार नहीं है जब शब्दों के तीर ने रिश्तों और साख को घायल किया हो।


वो भगवान भरोसे हैं…” विवाद की जड़ में यही शब्द

हाल ही में एक मीडिया बातचीत के दौरान विधायक हाकम अली खान ने सांसद हनुमान बेनीवाल के बारे में कहा—

हनुमान बेनीवाल क्या बोलते हैं, वो तो भगवान भरोसे हैं। सुबह क्या कहते हैं और शाम को क्या, कुछ पता नहीं। अमल कम लें तो ठीक रहते हैं, ज्यादा लें तो कुछ और ही बोल देते हैं।”

अब ये वाक्य किसी आम गली की चर्चा नहीं, बल्कि एक जनप्रतिनिधि की ज़ुबान से निकली ऐसी चिंगारी थी, जिसने आग पकड़ने में देर नहीं की।


कौन हैं हाकम अली खान?

हाकम अली खान, कांग्रेस के विधायक हैं और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
राजनीति उनके लिए विरासत रही है—उनके बड़े भाई भंवरु खान ने तीन बार इस क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। 2018 में भंवरु खान के निधन के बाद कांग्रेस ने हाकम अली पर भरोसा जताया और वे पहली बार विधायक बने।


हनुमान बेनीवाल: एक नाम, कई दावे

हनुमान बेनीवाल सिर्फ एक सांसद नहीं, बल्कि खुद को “जाट राजनीति का चेहरा” और “36 कौम का प्रतिनिधि” कहने वालों में शुमार हैं। उन्होंने राजस्थान की राजनीति में अपनी अलग जगह बनाई है—भाजपा और कांग्रेस दोनों से दूरी बनाए रखकर, लेकिन असर हमेशा बनाए रखा।

उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने सीमित संसाधनों के बावजूद सीमावर्ती जिलों में अच्छा जनाधार तैयार किया है।


जैसे ही विधायक का वीडियो क्लिप वायरल हुआ, RLP समर्थकों में उबाल आ गया। नागौर में सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता इकट्ठा हुए और उपखंड कार्यालय का घेराव किया। बयान वापस लो… माफी मांगो…” जैसे नारे लगे।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हनुमान बेनीवाल न केवल एक पार्टी के नेता हैं, बल्कि प्रदेश के ग्रामीण युवाओं की आवाज़ हैं। ऐसे में उन्हें “भगवान भरोसे” कहकर उनका मज़ाक उड़ाना अपमानजनक है।


बयानबाजी अगर विचार से नहीं, बल्कि व्यंग्य से की जाए तो उसका असर लंबे समय तक रहता है।

हनुमान बेनीवाल को लेकर दिए गए बयान ने यह साफ कर दिया है कि जनता अब केवल योजनाओं पर नहीं, नेताओं के शब्दों पर भी नज़र रखती है।

नेताओं को याद रखना चाहिए—सत्ता जनता से मिलती है, लेकिन सम्मान शब्दों से कमाया जाता है।

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Beerma Ram is the owner of Jambhsar Media, who has been working in Media field since 2018, covering news of religious, political, social fields, connecting with rural life, living with backward people, educating illiterate people. Creating awareness, serving the poor and serving wildlife through my organization Jambhsar Hitkarini Snsthaan, saving rare animals has always been my goal.

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