Jambhsar Media Digital Desk : लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी यानी जजपा का गठबंधन टूट गया है। बस ऐलान बाकी है। माना जा रहा है कि जजपा हरियाणा में 1 से 2 लोकसभा सीटें मांग रही थी जबकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और राज्य संगठन सभी 10 सीटों पर खुद लड़ने के पक्ष में है। यही टूट की वजह है।
जजपा के राष्ट्रीय महासचिव और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इसके बाद CM मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में सोमवार रात और फिर मंगलवार सुबह 11 बजे इमरजेंसी मीटिंग बुला ली। इसमें सभी मंत्री-विधायक और सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक शामिल हुए।
भाजपा के आक्रामक रुख को देखते हुए दुष्यंत चौटाला दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने अमित शाह से मिलने का समय मांगा है।
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में राजभवन पहुंचकर कैबिनेट समेत सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। हरियाणा में सीएम चेहरा बदलने की भी चर्चाएं हैं।
1. जजपा से गठबंधन टूटने का संकेत कैसे मिला?
डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला सोमवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले। उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की। हालांकि पहले वे हर बार मीटिंग के बाद मीडिया से बात जरूर करते थे। चौटाला-नड्डा की मुलाकात के बाद भाजपा की ओर से भी गठबंधन को लेकर किसी भी नेता के द्वारा कोई बयान नहीं दिया गया।
2. क्या भाजपा सरकार गिरने का खतरा है?
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 41 भाजपा, 30 कांग्रेस, 10 जजपा, 1 इनेलो, 1 हलोपा और 7 निर्दलीय हैं। बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए। अभी भाजपा-जजपा की गठबंधन की सरकार भाजपा के 41, जजपा के 10 और एक निर्दलीय रणजीत चौटाला सरकार में है। अगर जजपा गठबंधन तोड़ देती है तो भाजपा के पास 41, 7 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक का समर्थन है। ऐसे में भाजपा के पास बहुमत के 46 के आंकड़े से 3 ज्यादा सीटें बन रही हैं।