Jambhsar Media News Digital Desk नई दिल्ली: मोदी सरकार ने हाइवे सेक्टर के लिए बड़ा लक्ष्य तय किया है। इसी को देखते हुए सरकार ने हाइवे सेक्टर का बजट भी बढ़ा दिया है। 2013-14 मे यह बजट 31130 करोड़ का था जिसे बढ़ाकर अब 2.8 लाख करोड़ कर दिया गया है। मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि देश के सभी राजमार्गों को कम से कम 4 लेन करने का टारगेट है। 2030 तक 28 हजार किलोमीटर 4 लेन या उससे ऊपर के राजमार्ग बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस वित्त वर्ष की बात करें तो जनवरी तक देश के लगभग 43 फीसदी हाइवे फोर लेन या उससे ज्यादा के हो गए हैं। बीते साल की तुलना में यह काफी अधिक है। वहीं सड़क निर्माण का ज्यादा काम जनवरी से अप्रैल के बीच ही होता है। ऐसे में आने वाले तीन महीनों में सड़क निर्माण का बड़ा काम होने वाला है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में 42 फीसदी हाइवे फोर लेन या उससे अधिक के हो गए थे। इस वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 43 फीसदी हो गया है। अभी फरवरी और मार्च के आंकड़े आना बाकी है।
सरकार का इस बात पर ध्यान है कि हाइवे को कम से कम 4 लेन कर दिया जाए। इससे वाहनों की आवाजाही आसान होगी और लॉजिस्टिक कास्ट घटेगा। महंगाई पर लगाम लगाने का भी यह तरीका हो सकता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2013-14 की तुलना में फोर लेना हाइवे का निर्माण तीन गुना बढ़ गया है। 2019-20 के बाद सरकार ने इस क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया है। 2013-14 मे 1332 किलोमीटर फोर लेन हाइवे बनाए गए थे जो कि 2022-23 में बढ़ककर 4635 किलोमीटर हो गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 साल में टू लेन हाइवे की लंबाई 27 हजार घटकर 14300 किलोमीटर हो गई है।
एक अधिकारी के मुताबिक, जिस हिसाब से काम चल रहा है, इस साल पिछले साल का रिकॉर्ड टूट जाएगा। बढ़ते ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए अब चौड़े हाइवे बनाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वाहनों की आसान आवाजाही के लिए कम से कम चार लेन के हाइवे की जरूरत है। हालांकि पहाड़ी और कुछ दुर्गम इलाकों में अभी ऐसा संभव नहीं हो पाया है। जहां ट्रैफिक कम रहता है वहां टू लेन में काम चल सकता है।
राजमार्ग मंत्रालय ने चार लेन हाइवे को लेकर महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। 2030 तक चार लेन या उससे ऊपर के हाइवे की लंबाई 47 हजार से बढ़ाकर 75 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं सभी राजमार्गों को कम से कम दो लेन का किया जाएगा। अच्छा बजट अलॉट होने की वजह से यह काम संभव भी दिखाई दे रहा है। इसके अलावा हाइवे सेक्टर में निजी क्षेत्र का निवेश भी बढ़ा है। यह 2013-14 के 59,139 से निजी निवेश बढ़कर 2023-24 में 2.23 लाख करोड़ हो गया है