Jambhsar Media Digital Desk : अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इस सपने की एक बड़ी कीमत होम लोन की ईएमआई के रूप में चुकानी होती है. अगर आप भी इसी उलझन में हैं कि रेंट पर रहना बेहतर है या होम लोन लेना, तो ये कुछ पॉइंट फैसला लेने में आपकी मदद कर सकते हैं.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
भारत में मिडिल क्लास परिवार में पैदा होने वाले हर बच्चे को बचपन से ही सिखाया जाता है कि जब वह कमाना शुरू करे तो उसके पास अपना घर, अपनी गाड़ी होना चाहिए. अनिकेत भी यही सुनता आया था, लेकिन जब 21 साल की उम्र में उसकी पहली नौकरी लगी तो उसके पास इतने पैसे ही नहीं थे वह खुद का घर खरीद सके. अब वो इसी उलझन में रहने लगा कि होम लोन की भारी भरकम किश्त या ईएमआई देकर घर खरीदे, या रेंट के मकान में ही रहता रहे.
अगर आप भी अनिकेत की ही तरह इस उलझन में हैं तो फिर आपके लिए ये कुछ बातें जानना बेहद जरूरी हैं. हो सकता है कि ये आपकी रेंट का मकान या खुद का मकान में से किसी को चुनने का फैसला लेने में मदद कर दें.
आमतौर पर भारतीय लोग खुद का घर खरीदने को एक निवेश के तौर पर देखते हैं, लेकिन ये धारणा आज के वक्त में ठीक नहीं, क्योंकि निवेश का सीधा अर्थ होता है कि उस पर आपको रिटर्न कितना मिलेगा? अब अगर आप खुद के रहने के लिए घर खरीदना चाहते हैं तो भारी भरकम ईएमआई का बोझ सिर पर बांधने से पहले इस बात का आकलन कर लें कि कहीं आपके और खर्चे तो इससे प्रभावित नहीं होंगे.
घर खरीदने का फैसला किसी भी व्यक्ति की वित्तीय स्थिति, जिम्मेदारियां, संपत्ति और परिवार की आय पर निर्भर करता है.
घर खरीदना आपके लाइफ का एक गोल हो सकता है, लेकिन ध्यान रखना होगा कि Home Loan EMI आपकी इनकम का बड़ा हिस्सा खा जाती है. ऊपर से ये लंबे वक्त तक ऐसा करती है.
होम लोन की ईएमआई आमतौर पर लोगों के मंथली हाउस रेंट से ज्यादा होती है. इसलिए होम लोन पर मकान खरीदने से पहले ये देखना जरूरी होता है कि कहीं इससे आपके बाकी फाइनेंशियल गोल्स पर तो असर नहीं पड़ेगा.
एक और बात ये कि खुद का घर खरीदने पर आपको भले स्टेबिलिटी मिलती है, लेकिन रेंट के मकान के साथ आपको कई तरह की फ्लैक्सिबिलिटी मिलती हैं. इसलिए करियर की शुरुआत में लोग रेंट के मकान को तरजीह देते हैं.
होम लोन के साथ एक अच्छी बात ये है कि आप इससे टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं. ओल्ड इनकम टैक्स रिजीम में सेक्शन 24 और सेक्शन 80 के तहत आपको होम लोन से जुड़ी टैक्स छूट मिलती हैं.
टैक्स छूट के मामले में किराये का घर भी पीछे नहीं है. आप हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) डिडक्शन के माध्यम से इस पर भी टैक्स बेनेफिट अवेल कर सकते हैं.
एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि किसी व्यक्ति को होम लोन पर घर तब तक नहीं लेना चाहिए, जब तक कि उसके पास पर्याप्त सेविंग ना हों. और वह प्रॉपर्टी की कीमत का 50 प्रतिशत तक डाउन पेमेंट करने की स्थिति में ना हो.