60 हजार रुपये की सैलेरी पर मिलेगा इतना पैसा, कैसे चेक करें ग्रेच्युटी? जानिए क्या है फॉर्मूला 

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Jambhsar Media Digital Desk : कर्मचारियों को उनकी सैलरी के साथ-साथ अन्य भत्तों के भी फायदे दिए जाते है। इन्ही में से एक है ग्रेच्‍युटी। किसी कंपनी या नियोक्‍ता के साथ एक तय अवधि तक काम करने वाले कर्मचारियों को रिटायर के बाद ग्रेच्‍युटी का लाभ दिया जाता है। किसी कर्मचारी को कितनी ग्रेच्‍युटी मिलेगी इसकी गणना कई परिस्थितियों के आधार पर की जाती है। इसमें नौकरी के साल और उसके वेतन की राशि की अहम भूमिका हेाती है। आइए जान लेते है कि कैसे चेक की जाती है कर्मचारियों की ग्रेच्‍युटी…

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हर नौकरीपेशा व्‍यक्ति को वेतन के साथ तमाम तरह के भत्‍ते भी मिलते हैं. इसमें से एक भत्‍ता है ग्रेच्‍युटी (Graduity) का, जो किसी कंपनी या नियोक्‍ता के साथ एक निश्चित समय तक काम करने के एवज में दिया जाता है. वैसे तो ग्रेच्‍युटी के हकदार सभी कर्मचारी होते हैं, लेकिन नियमों में काफी अंतर रहता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कितने वेतन पर नियोक्‍ता ग्रेच्‍युटी के रूप में कितना भुगतान करता है.

ग्रेच्‍युटी (what is gratuity) वो रकम है जो किसी कर्मचारी को कंपनी की ओर से लंबे समय तक बेहतर सेवाएं देने के बदले पुरस्‍कार के तौर पर दी जाती है. इसके नियमानुसार यदि कोई व्‍यक्ति 5 साल लगातार किसी कंपनी में नौकरी करे, तो वो ग्रेच्‍युटी पाने का हकदार हो जाता है. ग्रेच्‍युटी का पैसा कितना मिलेगा, इसकी कैलकुलेशन एक निश्चित फॉर्मूले के आधार पर की जाती है. 

अगर एक व्‍यक्ति 60,000 रुपए महीने कमाता है और उसने लगातार 10 साल तक एक कंपनी में नौकरी की है, तो उसे कितना पैसा मिलेगा? आइए फॉर्मूले के आधार पर समझते हैं कैलकुलेशन.

ग्रेच्‍युटी की गणना (calculation of gratuity) करने का फॉर्मूला है-  (अंतिम सैलरी) x (कंपनी में कितने साल काम किया) x (15/26). अंतिम सैलरी से मतलब, आपकी पिछले 10 महीने की सैलरी के औसत से है. इस सैलरी में मूल वेतन, महंगाई भत्ता और कमीशन को शामिल किया जाता है. महीने में रविवार के 4 दिन वीक ऑफ होने के कारण 26 दिनों को गिना जाता है और 15 दिन के आधार पर ग्रेच्यु​टी का कैलकुलेशन होता है. 

60,000 सैलरी और 10 साल की नौकरी है तो कितनी ग्रेच्‍युटी (gratuity amount) बनेगी? फार्मूले के हिसाब से इसकी कैलकुलेशन ऐसे होगी- (60,000) x (10) x (15/26) = 3,46,153 रुपए. फॉर्मूले के हिसाब से ये रकम आपको कंपनी की ओर से ग्रेच्‍युटी के तौर पर दी जाएगी. वहीं अगर किसी व्‍यक्ति की सैलरी 60,000 रुपए हो लेकिन उसने काम सिर्फ 5 साल ही किया हो तो उसे कितनी ग्रेच्‍युटी मिलेगी? ऐसे में फॉर्मूले के हिसाब से कैलकुलेशन इस आधार पर होगी- (60,000) x (5) x (15/26) = 1,73,076 रुपए ग्रेच्‍युटी के तौर पर मिलेंगे. नियम के मुताबिक 20 लाख रुपए से ज्‍यादा ग्रेच्‍युटी नहीं दी जा सकती.

ग्रेच्‍युटी एक्‍ट 1972 (Gratuity Act 1972) के मुताबिक, अगर किसी कर्मचारी की अनहोनी में जान चली जाए या दिव्‍यांग हो जाए और दोबारा काम कर पाने में असमर्थ हो तो ग्रेच्‍युटी के भुग‍तान के लिए उस पर 5 साल काम करने का नियम लागू नहीं होता है. ऐसे में नॉमिनी या आश्रित को ग्रेच्‍युटी की रकम का भुगतान (payment of gratuity amount) किया जाता है. 

जानकारी के लिए बता दें कि नौकरी जॉइन करते समय Form F भरकर आप अपनी ग्रेच्युटी राशि के लिए नॉमिनी का नाम (Name of nominee for gratuity amount) दर्ज करा सकते हैं. वहीं अगर किसी कर्मचारी ने किसी कंपनी में 4 साल 8 महीने तक काम किया है तो उसकी नौकरी की अवधि को पूरे 5 साल मान लिया जाता है. ऐसे में उसे 5 साल के हिसाब से उसे ग्रेच्‍युटी का अमाउंट दिया जाता है.

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Rameshwari Bishnoi

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