Jambhsar Media Desk,New Delhi: राजस्थान में अब हॉस्पिटल्स में अब गुटखा खाने पर पाबंदी लगाने की तैयारी में है राजस्थान की सरकार…जी हाँ, बड़े शहरों के अस्पतालों की भांति अब करौली जिले के सामान्य व MCH अस्पताल में खुलेआम धूम्रपान, मुंह में गुटखा चबाना और खुलेआम बीड़ी-सिगरेट पीना लोगों के लिए भारी पड़ सकता है.
अस्पताल परिसर में मुंह में गुटखा चबाकर इधर-उधर गंदगी फैलाने वाले लोगों के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा अब सख्त कदम उठाए जाएगा. इसमें रोजाना जिले के सामान्य और MCH अस्पताल में पिछले कई दिनों से ऐसे लोगों के खुलेआम चालान काटे जा रहे हैं और उनसे राशि भी वसूली जा रही है.
अस्पताल परिसर में खुलेआम धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए यह अभियान जिले के दोनों अस्पतालों में कई दिनों से चलाया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव और दूसरा अस्पताल परिसर को साफ व स्वच्छ बनाना है.
कैंसर से बचाव के लिए चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. ओ. पी. मीणा ने बताया कि कैंसर जैसे गंभीर रोग की रोकथाम और उसके कारकों से जागरूक करने के लिए तंबाकू प्रोडक्ट्स के सार्वजनिक स्थानों पर उपभोग करने वाले लोगों को रोकने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है, क्योंकि ऐसे लोग धूम्रपान करके सार्वजनिक स्थानों पर न केवल गंदगी करते हैं, बल्कि खुद के शरीर को भी नुकसान पहुंचाते हैं. इसी कारण ऐसे लोगों का चालान काटने का काम अस्पताल प्रशासन द्वारा शुरू किया गया है.
डॉ. मीणा ने बताया कि यह चालान 2004 का एक्ट है. उसी एक्ट के तहत यह सभी सार्वजनिक स्थानों पर लागू भी होता है. लेकिन हमारा उद्देश्य है कि इस चालान के जरिए अस्पताल में साफ-सफाई अच्छी बनी रहे और हमारे मरीज और उनके परिजनों को अस्पताल में साफ एवं स्वच्छ वातावरण मिल सके. इसलिए अस्पताल प्रशासन द्वारा यह अभियान जागरूकता के लिए शुरू किया गया है.
400 से अधिक लोगों के कट चुके है चालान
जानकारी के अनुसार अभी तक जिले के दोनों अस्पतालों में 400 से 500 लोगों के चालान भी काटे जा चुके हैं. इस चालान का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर आप अस्पताल मे आए, तो मुंह में किसी भी प्रकार का तंबाकू प्रोडक्ट डालकर ना आए. डिप्टी सीएमएचओ ने बताया कि इस चालान के लिए कम से कम कितनी भी राशि ली जा सकती है. मगर अस्पताल में उपभोग करते पाए जाने पर हम अधिकतम 200 रुपए का चालान काट रहे हैं.
जेल की खानी पड सकती है हवा
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. ओ. पी. मीणा ने यह भी बताया कि हमारी जो आरएमआरएस की कमेटी है, उसने भी इसके लिए 2000 से लेकर 5000 रुपए तक के चालान के प्रावधान किए हैं. ऐसे लोग जो बार-बार कहने के बाद भी नहीं मानेंगे, उनके लिए इसमें 6 महीने की सजा का भी प्रावधान किया गया है. जो चालान भरने से इनकार करेगा, उनके खिलाफ हमारे द्वारा रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी. इसलिए खासकर अस्पताल और किसी भी सार्वजनिक स्थान पर तंबाकू प्रोडक्ट्स और बीडी-सिगरेट का इस्तेमाल न करें.