Jambhsar Media Digital Desk : टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर। दरअसल आपकाे बता दें कि हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें आईटीआर फाइल नहीं करने पर एक महिला को छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। ऐसे में आप भी अलर्ट रहे। आइए नीचे खबर में जान लेते है इस मामले को विस्तार से।
मौजूदा फाइनेंशियल ईयर पूरा होने वाला है और इसके बाद आईटीआर फाइलिंग का प्रोसेस शुरू हो जाएगा. पिछले साल आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी. पिछले साल तय तारीख तक टैक्सपेयर्स ने रिकॉर्ड आईटीआर फाइल किये थे. इसके बाद भी लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया.
लेकिन यदि आप आईटीआर फाइल करने में लापरवाही करते हैं तो आखिरी तारीख निकलने के बाद भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते तो यह खबर आपके लिए है. जी हां, हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें आईटीआर फाइल नहीं करने पर एक महिला को छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है. हो सकता है आपको इस पर यकीन न हो. लेकिन यह है पूरी हकीकत, आइए जानते हैं पूरा मामला-
दिल्ली की एक महिला को दो करोड़ रुपये की आमदनी पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करने पर छह महीने जेल की सजा सुनाई गई है. इनकम टैक्स ऑफिस (ITO) की शिकायत पर यह फैसला आया है. इनकम टैक्स विभाग ने दावा किया कि साल फाइनेंशियल ईयर 2013-14 में महिला को मिले 2 करोड़ रुपये में से 2 लाख रुपये टीडीएस के रूप में काटे गए थे. इसके बावजूद, महिला ने 2014-15 के असेसमेंट ईयर में किसी तरह का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया.
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार इस पूरे मामले में एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मयंक मित्तल की अदालत ने पूरे मामले को सुनने के बाद सावित्री नाक की महिला को सजा सुनाई है. अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘दोषी महिला को छह महीने की जेल की सजा सुनाई जाती है. इसके साथ अदालत ने महिला पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. यदि महिला जुर्माने की राशि नहीं देती तो उसे एक महीने की जेल और काटनी होगी.’ अदालत ने फैसले को चुनौती देने के लिए महिला को 30 दिन की जमानत दे दी है.
सावित्री के वकील की तरफ से दलील दी गई कि वह अनपढ़ विधवा हैं. उनकी मदद करने के लिए कोई नहीं है. दलील सुनने के बाद अदालत ने फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन की जमानत दे दी. अदालत ने यह भी माना कि शिकायतकर्ता आयकर विभाग यह साबित करने में कामयाब नहीं पाया कि सावित्री को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए नोटिस भेजे गए थे. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सावित्री ने अपनी जिम्मेदारी को पूरा नहीं किया.
अदालत ने अपने फैसले में लिखा कि आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने के कारण सेक्शन 276CC के तहत 2014-15 के लिए आरोपी महिला को दोषी माना जाता है. उसे सेक्शन 276CC के तहत दंडनीय अपराध के लिए सजा दी जाती है. आयकर विभाग की तरफ से लोगों को उनकी कमाई की जानकारी रखने और कमाई पर टैक्स जांचने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरवाया जाता है. रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि अमूमन 31 जुलाई तक रहती है.