आपकी सैलेरी पर इतने तरीके से कर सकते हैं टैक्स का कैलकुलेशन, जान लें स्टेप-बाय-स्टेप प्रॉसेस

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Jambhsar Media Digital Desk : अधिकतर नौकरीपेशा लोगों को उनकी सैलरी पर कटने वाले टैक्स की जानकारी नही होती है। उन्हे नही पता होता है कि उनके ऊपर कितनी टैक्स की देनदारी बनेगी। इसलिए यदि आप भी एक नौकरीपेशा व्यक्ति है तो इस खबर को ध्यान से पढ़ें। आज हम इस खबर में ये बताने वाले है कि टैक्स की गणना आसानी से कैसे कर सकते हैं।

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वर्तमान समय में जब अर्थव्यवस्था (economy) तेजी से बढ़ रही है, व्यक्तियों के पास अक्सर व्यापारिक, व्यावसायिक या निजी कमाई के साधन होते हैं. लेकिन इस विकास की सहायता के लिए देश के विकास को भी ध्यान में रखना बेहद जरुरी होता है, जिसके लिए भारत सरकार द्वारा एक निश्चित दर से अधिक इनकम अर्जित करने वाले व्यापारी या व्यवसायिक व्यक्ति की इनकम से कुछ धन की कटौती करती है, जिसे इनकम टैक्स यानि कि आयकर (Income Tax) कहा जाता हैं. अब बात आती है आयकर कैसे कैलकुलेट किया जाता है।

बता दें कि इनकम टैक्स बचाने (save income tax) के लिए जरूरी है कि आपके ऊपर आयकर विभाग टैक्स की देनदारी कितनी बन रही है। फिर आप उसके अनुसार टैक्स सेविंग के सही विकल्प का चयन कर सकते हैं। हम आपको आपकी सैलरी के अनुसार आयकर कैलकुलेशन करने का स्टेप-बाय-स्टेप प्रॉसेस बता रहे हैं। इसको फॉलो कर आप आसानी से टैक्स की गणना कर सकते हैं। फिर आप उसके अनुसार टैक्स सेविंग की प्लानिंग कर पाएंगे। 

आयकर देनदारी (income tax liability) पता करने के लिए जरूरी है कि आप अपनी ग्रॉस सैलरी को जानें। इसमें आपका मूल वेतन, भत्ते, बोनस और कर योग्य अन्य आय शामिल होंगे। इसके जरिए आपकेा पता वचलेगा कि आपकी कुल आय कितनी है।

 कुल आय कितनी है ये जानने के बाद मिलने वाल टैक्स छूट की पहचान करें। आपकी सैलरी के कुछ हिस्सों पर आयकर छूट मिलती है। इन छूटों में मकान किराया भत्ता (HRA), अवकाश यात्रा भत्ता (LTA) और मानक कटौती शामिल हो सकती हैं। अपना कर योग्य वेतन पता करने के लिए इन छूटों को अपने वेतन से घटाएं। 

इनकम टैक्स अधिनियम की विभिन्न धाराओं (Various sections of Income Tax Act), जैसे धारा 80सी (भविष्य निधि, पीपीएफ, या जीवन बीमा में निवेश के लिए), धारा 80डी (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए) और धारा 24बी (गृह ऋण ब्याज के लिए) के तहत उपलब्ध कटौतियों का पता लगाएं। अपनी टैक्सेबल इनकम निर्धारित करने के लिए इन कटौतियों को अपने कर वेतन से घटाएं। छूट और कटौतियों की गणना करने के बाद, आप अपनी कर योग्य आय जान पाएंगे। 

आप अपनी टैक्सेबल इनकम (taxable income) के आधार पर प्रत्येक स्लैब के लिए कर की गणना करें। इसके बाद टैक्स लायबिलिटी (tax liability) की गणना करें। इसके बाद आपको मिलने वाली कर छूट का कैलकुलेशन करें। मिलने वाली छूट के बाद जो इनकम होगी, वो कर योग्य होगी। इसपर आपको टैक्स चुकाना होगा। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट (Income Tax Department website) से भी आप टैक्स कैलकुलेटर की मदद से अपनी सैलरी के अनुसार टैक्स की गणना कर सकते हैं। 

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