Jambhsar Media Desk, New Delhi: भारत में इनकम टैक्स पेयर्स के बीच समानता लाने के लिए पहले धन कर (Wealth Tax) लिया जाता था। लेकिन 2015 में धन कर अधिनियम, 1957 को समाप्त कर दिया गया और इसकी जगह सरकार ने सरचार्ज को 2% से बढ़ाकर 12% कर दिया।
सरकार को पाया गया कि धन कर का वसूली में जितना खर्च हो रहा था वहां का कलेक्शन उससे कम था. इन तमाम कारणों के चलते इसे हटा दिया गया.
सुपर रिच से उनकी संपत्ति के हिसाब से टैक्स लिया जाए, इसके लिए इस एडिशनल टैक्स (Additional Tax) की व्यवस्था की गई. ऐसे व्यक्ति जिनकी इनकम 1 करोड़ से ऊपर और ऐसे बिजनेस जिनकी इनकम 10 करोड़ रुपये से ऊपर होती है, वो सुपर रिच की कैटेगरी में आते हैं.
किसे देना होता है Wealth Tax?
वेल्थ टैक्स व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवार और कंपनियों के ऊपर लगाया जाता है. इसमें रेजिडेंशियल स्टेटस (Residential Status) भी अहम होता है. भारत में रहने वाले भारतीय नागरिक और NRIs की संपत्ति पर अलग-अलग तरीक से टैक्स (Income Tax) लगता है.
जैसे अगर कोई भारत में रहता है और विदेश में संपत्ति है तो उसपर वेल्थ टैक्स (Wealth Tax) लगेगा. वहीं, कोई NRI भारत में किसी संपत्ति का मालिक है, तो उसे उसपर टैक्स देना होता है.
इतना लगता है वेल्थ टैक्स-
किसी पर वेल्थ टैक्स लगेगा या नहीं, ये उसकी संपत्ति पर निर्भर करता है. इसके लिए टैक्स रेट 1% रखा गया है. अगर किसी व्यक्ति, HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) और कंपनी की टोटल नेट वेल्थ 30 लाख से ऊपर है तो वैल्यूएशन डेट पर उस 30 लाख से ऊपर जितनी भी संपत्ति होगी उसपर 1% टैक्स लगेगा. इन टैक्सपेयर्स को अपने नेट वेल्थ पर 31 जुलाई से पहले रिटर्न फाइल करना होता है.
इन परिस्थितियों में आता है वेल्थ टैक्स नोटिस-
जैसाकि हमने बताया कि अगर आपके पास ऐसे असेट हैं, जिसका नेट वैल्यू 30 लाख से ऊपर है तो आपको बाकी के अमाउंट पर वेल्थ टैक्स देना होता है. अगर नहीं देते हैं तो नोटिस आ सकता है. ऐसे असेट्स को आपको डिस्क्लोज़ करना होता है. अगर आप इन्हें डिस्क्लोज करके इनपर टैक्स नहीं भरते हैं तो आपको इनकम टैक्स नोटिस (Income Tax Notice) भेजा जा सकता है.
इन संपत्तियों पर लगता है Wealth Tax-
वेल्थ टैक्स के तहत नोटिस आपको जमीन, दूसरा मकान, कार, यॉट, गोल्ड ज्वैलरी, एंटीक पीस, आर्ट पीस वगैरह जैसी चीजें हो सकती हैं. अगर आपके पास ऐसी संपत्ति है तो आपको एक बार इनकी वैल्युएशन करा लेनी चाहिए क्योंकि पता चला कि आपको इनकी वैल्यूएशन नहीं पता और आपने इन्हें डिस्क्लोज़ नहीं किया, टैक्स नहीं भरा और फिर अचानक आपके पास इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आ जाए.