Jambhsar Media Digital Desk : हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका खुद का घर हो। जिसके लिए हम हर संभव जतन करते हैं। वहीं, प्रॉपर्टी के रेट महंगे होने के कारण सभी अपना घर नहीं खरीद पाते हैं। इसके लिए हम बैंक से होम लोन (home loan) ले लेते हैं, जिसके जरिये हमारा यह सपना पूरा हो जाता है। दूसरी ओर जब हम बैंक लोन ले लेते हैं वहीं समय-समय पर बैंकों की ब्याज दरें बदल जाती है, जिसके ज्यादा EMI देनी पड़ती है। ऐसे में ज्यादातर लोग होम लोन का एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर चाहते हैं, लेकिन इसकी प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं होती है। तो चलिए नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं-
हर व्यक्ति की यह ख्वाहिश रहती है कि उसका अपना घर हो। इसके लिए अक्सर लोग बैंक से होम लोन लेते हैं। आजकल होम लोन लेने (Home Loan) का तरीका बहुत आसान हो गया है। आप किसी भी बैंक में जाकर अपने इनकम सर्टिफिकेट (Income Certificate), पैन कार्ड (PAN Card), आधार कार्ड (Aadhaar Card) आदि जमा करके आसानी से लोन ले सकते हैं। जिन लोगों का क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है उन्हें आसानी से लोन मिलता है। होम लोन एक लंबी अवधि का लोन होता है। इसे लोग आमतौर पर 30 साल, 20 साल, 15 साल जैसे टेन्योर के लिए लेते हैं। कई बार लोन लेते वक्त लोग बाकी बैंकों की ब्याज दरों को चेक नहीं करते हैं। ऐसे में बाद उन्हें ज्यादा ईएमआई का भुगतान करना पड़ता है। ऐसे में ब्याज दर में छोटा अंतर भी बाद में फर्क साबित होता है।
ऐसे में अगर आपने महंगे दर पर किसी बैंक से लोन ले लिया है और बाद में आपको यह पसंद नहीं आ रहा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं हैं। आप अपने लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं। होम लोन ट्रांसफर (Home Loan Transfer) करने से पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इससे आपकी बचत बढ़ सकती है।
कर्जदार को होम लोन ट्रांसफर करने से पहले यह देख लेना चाहिए कि इस प्रक्रिया में प्रोसेसिंग फी समेत अन्य कितने खर्च आने वाले हैं। ब्याज दर हो सकता है कि कम हो लेकिन आपकी बचत लोन के टेन्योर, बैलेंस ट्रांसफर में लगने वाले शुल्क और अन्य छोटे-बड़े चार्जेस पर भी निर्भर करती है।
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होम लोन ट्रांसफर के लिए आपको KYC के कागज, प्रॉपर्टी पेपर, लोन बैलेंस के कागज, ब्याज के कागज आदि तैयार रखने होंगे। दूसरी ओर नया बैंक सारी प्रोसेस होने के बाद आपसे पुराने बैंक से प्राप्त सहमति पत्र को मांगेगा और उसी के आधार पर लोन को बंद कर देगा, इसके बाद नए बैंक से आपकी EMI शुरू कर दी जायेगी।
अलग-अलग बैंक होम लोन के लिए विभिन्न शर्तें लगाते हैं। उनकी सेवाएं एक-दूसरे से अलग हो सकती हैं। अगर आपको कोई बैंक बेहतर सर्विस ऑफर कर रहा है तो यह इकलौता कारण नहीं होना चाहिए जिसकी वजह से आप बैंक बदलें। आपको उसकी मार्केट रेप्यूटेशन भी देखनी चाहिए। मसलन, बैंक का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा रहा है, पारदर्शिता का स्तर क्या है व लोगों की समीक्षा कैसी है आदि। किसी भी तरह का संदिग्ध व्यवहार आगे आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।
बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प चुनने से पहले कर्जदारों को होम लोन की अवधि पर सावधानीपूर्वक ध्यान देना चाहिए। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। मान लीजिए कि आपकी ईएमआई कम है क्योंकि टेन्योर बढ़ा दिया गया है, ऐसे में आप अधिक ब्याज ट्रांसफर कर रहे हैं और कुल लोन अंतत: आपको महंगा पड़ेगा।