Jambhsar Media News Digital Desk नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने राजस्थान को दो नई रेल लाइनों की सौगात दी है. खास बात यह है कि दोनों ही रेल परियोजनाएं नागौर जिले के मेड़ता सिटी से जुड़ी है. रेल मंत्रालय ने गत 13 फरवरी को बहुप्रतीक्षित मेड़ता-पुष्कर और मेड़ता-रास रेल लाइनों को आधिकारिक रूप से स्वीकृति प्रदान कर दी थी, जिसके बाद इन लाइनों के निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है. मेड़ता-पुष्कर रेल लाइन 3 साल में बनकर तैयार होगी, जबकि मेड़ता-रास रेल लाइन का काम 4 साल में पूरा होगा. इन दोनों परियोजनाओं पर 1680.64 करोड़ रुपए की लगात आएगी.
दरअसल, पिछले तीन दशक से मेड़ता से अजमेर के लिए सीधे रेल लाइन की मांग की जा रही थी. इस बीच अजमेर से पुष्कर तक रेल लाइन बिछ जाने के बाद मेड़ता से पुष्कर 51.34 किलोमीटर की दूरी के लिए रेलवे लाइन की मांग की जा रही थी. वहीं, तीन माह पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मौखिक रूप से दीया कुमारी को मेड़ता-पुष्कर और मेड़ता-रास रेल लाइन की स्वीकृति के बारे में जानकारी दी गई थी.
उत्तर पश्चिम रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य शंकर लाल परसावत ने बताया कि अब रेल मंत्रालय के रेलवे बोर्ड की ओर से दो लेटर जारी कर आधिकारिक रूप से इन दोनों लाइनों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. यह लाइनें तीन जिलों से होकर गुजरेगी, जिसके अंतर्गत 9 नए रेलवे स्टेशन बनेंगे. इनमें मेड़ता सिटी (कात्यासनी), भैंसड़ा कलां, रियां बड़ी, कोड, नांद, धनेरिया, जसनगर, भूम्बलिया और रास में रेलवे स्टेशन बनेंगे. जबकि पुष्कर में पहले से ही रेलवे स्टेशन बना हुआ है. मेड़ता-पुष्कर रेल लाइन परियोजना के तहत नागौर जिला, डीडवाना कुचामन जिला और अजमेर जिले में रेलवे लाइन बिछेगी. इसी तरह से मेड़ता-रास रेल लाइन परियोजना के तहत मेड़ता और पाली जिले में रेलवे लाइन बिछाई जाएगी.
उन्होंने बताया कि दोनों परियोजनाओं पर कुल 1680.64 करोड़ रुपए खर्च होंगे. दोनों परियोजना के तहत कुल 133.037 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक बिछाया जाएगा. साथ ही दोनों रेल लाइन परियोजना में कुल 582.15 हेक्टेयर भूमि पर रेलवे ट्रैक और स्टेशन बनाए जाने का काम होगा. इन रेल परियोजनाओं को स्वीकृति मिलने के बाद मेड़ता के साथ ही दोनों जिले में खुशी का माहौल है. उत्तर-पश्चिम रेलवे सलाहकार परामर्शदात्री समिति के सदस्यों ने खुशी जताई और कहा कि इन रेलमार्गों के बनने से मेड़ता का देश के विभिन्न क्षेत्रों से सीधा रेल नेटवर्क स्थापित होगा. साथ क्षेत्र के विकास के नए रास्ते भी खुलेंगे.