Jambhsar Media News Digital Desk नई दिल्ली: आरटीओ नाले के निर्माण को लेकर आखिरकार विवाद खत्म होने जा रहा है। अब नाले का निर्माण 80 फीट रोड पर नहीं होकर जोधपुर-जयपुर हाईवे पर होगा।
आरटीओ नाले के निर्माण को लेकर आखिरकार विवाद खत्म होने जा रहा है। अब नाले का निर्माण 80 फीट रोड पर नहीं होकर जोधपुर-जयपुर हाईवे पर होगा। इसके लिए नया प्लान तैयार कर लिया गया है। जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) और आरयूडीआईपी ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। जेडीए की ओर से अनुमति मिलने के बाद संभवतया 15 मार्च से शुरू कर दिया जाएगा।
दरअसल, करीब एक साल से विवादों में घिरे हुए आरटीओ नाले का निर्माण अटका हुआ था। पूर्व में 80 फीट रोड पर प्रस्तावित नाले के निर्माण को लेकर क्षेत्रवासियों का विरोध हो रहा था। विरोध पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक भी पहुंचा था। उन्होंने नाला निर्माण कार्य का शिलान्यास कर दिया था, लेकिन रूडीप की ओर से 80 फीट रोड का सर्वे किया गया, तो यहां पर नाला निर्माण के लिए फीजिबिलिटी नहीं पाई गई। सर्वे के बाद रूडीप के अधिकारियों ने तय किया कि नाला निर्माण जोधपुर-जयपुर हाईवे पर या रेलवे लाइन के पास ही किया जा सकता है।
इस संबंध में रूडीप ने एनएचपीडब्ल्यूडी को नया प्रस्ताव जयपुर-जोधपुर मुख्य सड़क भाग में निर्माण करवाने संबंधी भिजवाया। वर्तमान में पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से मुख्य जयपुर-जोधपुर हाईवे के पांच बत्ती से खोखरिया फांटा तक की सड़क जेडीए को हैंडओवर कर दी है। अब जेडीए रूडीप को आरटीओ नाले के निर्माण के लिए मुख्य सड़क भाग पर एनओसी जारी करेगा। फिर निर्माण कार्य शुरू होगा। जेडीए अधिकारियों के अनुसार जल्द ही एनओसी जारी कर दी जाएगी।
रूडीप के एक्सईएन केपी व्यास और प्रोजेक्ट के एईएन सुुरेंद्र विश्नोई ने बताया कि नाला निर्माण के दौरान यूटिलिटी यानि पानी की लाइन, बिजली की लाइन को शिफ्ट करने के लिए डिस्कॉम में 2.61 करोड़ और पीएचईडी में 75 लाख रुपए जमा करवा दिए है। दोनों ही विभागों ने इस कार्य के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। कार्यादेश जारी होने के बाद लाइनों की शिफ्टिंग का कार्य शुरू हो जाएगा। व्यास ने बताया कि शिफ्टिंग का कार्य शुरू के बाद भी नाले का निर्माण डाउन स्ट्रीम की तरफ से शुरू किया जाएगा।
प्लान के अनुसार नाले का निर्माण बनाड़ रोड स्थित गणेश होटल से होगा। जोधपुर-जयपुर हाईवे से होते हुए सारण नगर आरओबी के अंतिम छोर तक करीब 1600 मीटर तक सड़क भाग पर नाले का निर्माण होगा। उसके आगे सड़क के लेफ्ट साइड में सड़क के सहारे-सहारे होते हुए पिलार बालाजी तक सड़क के शोल्डर भाग में शेष नाले का निर्माण होगा। माता का थान वाले नाले का लगभग 500 मीटर लंबाई वाले भाग का निर्माण पूर्व की भांति सारण नगर आरओबी के नीचे उपरोक्त मुख्य नाले में मिलान किया जाना भी प्रस्तावित है।
आरटीओ नाला निर्माण से मुख्य रूप से गणेश नगर, बनाड़ रोड़ वाया सारण नगर आरओबी से जोजरी नदी तक के पूरे एरिया को इससे लाभ होगा। बारिश के मौसम में सबसे मुख्य जयपुर रोड पर पानी का भराव होता है। इससे यहां से गुजरने वाले और आस-पास रहने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
आरटीओ नाले की (डीपीआर) जेडीए ने एक कंसलटेंसी से करीब तीन साल पहले तैयार करवाई थी, लेकिन डीपीआर में उस समय जिस स्थान से नाले को निकालना था वहां की यूटिलिटी के बारे में जिक्र तक नहीं किया गया। अब जेडीए यदि पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से हैंडओवर की गई जयपुर-जोधपुर मुख्य हाईवे पर आरयूआईडीपी को नाला निर्माण की एनओसी जारी करता है तो आरयूआईडीपी नाले का कार्य करेगा।
इस नाले को माता के थान से पानी की निकासी के लिए तैयार किया गया था, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम फेल होने के चलते मानसून में बनाड़ और सारण नगर क्षेत्र में पानी भर जाता है। इस नाले की लंबाई 7.13 किलोमीटर तक है, जो जोजरी नदी से जुड़ता है। विभाग का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से जारी की गई 320.20 करोड़ की राशि में से 295.2 करोड़ रुपए आरटीओ और भैरव नाले के निर्माण में खर्च किए जाएंगे। इनमें से 100 करोड़ रुपए आरटीओ नाले पर खर्च होंगे।