इन कमाई पर नही देना होता एक रुपए भी टैक्स, ITR भरने से पहले जान लें जरूरी बात 

हमारा व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें: Click Here

Jambhsar Media Digital Desk : हर कमाई पर इनकम टैक्स लगता है. इसमें केवल सैलरी ही शामिल नहीं है बल्कि सैलरी के अलावा बचत से आने वाले ब्याज, घर से हो रही कमाई, साइड बिजनेस, कैपिटल गेन्स जैसी कई चीजें इसमें शामिल हैं. लेकिन आइए आज हम आपको बताते हैं कि किन इनकम पर टैक्स नहीं लगेगा.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
Instagram Join Now

अगर आप सैलरी के अलावा कई अन्य तरीकों से भी कमाई करते हैं तो ये खबर आपके काम की है. ऐसा इसलिए क्योंकि आमतौर पर हर कमाई पर इनकम टैक्स लगता है. इसमें केवल सैलरी ही शामिल नहीं है बल्कि सैलरी के अलावा बचत से आने वाले ब्याज, घर से हो रही कमाई, साइड बिजनेस, कैपिटल गेन्स जैसी कई चीजें इसमें शामिल हैं. लेकिन कुछ ऐसे इनकम सोर्स भी हैं जिनपर एक रुपए भी टैक्स नहीं लगता है. आज हम आपको ऐसी 10 इनकम के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां रुपए का भी टैक्स नहीं लगता है.

PF अकाउंट में आपकी ओर से जमा रकम पर Income Tax कानून के Section 80C के तहत आयकर में छूट मिलती है. आपके EPF अकाउंट में नियोक्ता की तरफ से जमा किये जाने वाले रकम पर भी टैक्स छूट मिलती है. इसमें शर्त यह है कि यह रकम आपकी Basic Salary के 12% से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर रकम इससे अधिक है तो बाकी रकम पर आपको Income Tax देना पड़ेगा.

 अगर आपने Shares या इक्विटी Mutual Fund में निवेश किया है तो एक साल बाद इन्हें बेचने पर मिलने वाला एक लाख रुपये तक का रिटर्न Tax Free होता है. इस रिटर्न की गणना LTCG के तहत होती है. पिछले साल के बजट में शेयरों या इक्विटी Mutual Fund में निवेश से मिलने वाले एक लाख रुपये से अधिक के रिटर्न पर LTCG टैक्स लगा दिया गया है.

अगर शादी-विवाह में दोस्तों या रिश्तेदारों से गिफ्ट मिलता है तो उस पर टैक्स नहीं चुकाना पड़ता. इसमें शर्त यह है कि आपको गिफ्ट आपकी शादी के आसपास ही मिला हो. अगर आपकी शादी 16 मार्च को है और गिफ्ट छह महीने बाद दिया जाए तो उस पर Income Tax में छूट नहीं मिलेगी. इसके साथ ही गिफ्ट की वैल्यू 50,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.

अगर आपके बैंक के बचत खाते से एक साल में 10,000 रुपये तक का ब्याज मिलता है तो Income Tax कानून के सेक्शन 80TTA के तहत इस पर आपको आयकर से छूट मिलती है. अगर बचत खाते पर ब्याज सालाना 10,000 रुपये से ज्यादा है तो अतिरिक्त रकम पर आपको Income Tax देना पड़ेगा.

अगर आप किसी फर्म में पार्टनर हैं तो Share Of Profit के तौर पर आपको मिली रकम इनकम टैक्स देनदारी से मुक्त है. वास्तव में आपकी पार्टनरशिप फर्म पहले ही इस पर Tax चुका देती है. इनकम टैक्स में छूट सिर्फ फर्म के मुनाफे पर है, आपको मिलने वाले वेतन पर नहीं.

 अगर आपने जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी है तो आपकी तरफ से इसका दावा करते वक्त या इसकी मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पूरी तरह Income Tax से फ्री होती है. इसमें शर्त यह है कि आपकी जीवन बीमा पॉलिसी का सालाना प्रीमियम उसके सम अस्योर्ड के 10% से अधिक न हो. अगर जीवन बीमा पॉलिसी में प्रीमियम इससे अधिक है तो आपको अतिरिक्त रकम पर इनकम टैक्स देना होगा. अगर आपने जीवन बीमा पॉलिसी अपने परिवार के किसी विकलांग या गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के लिए ली है तो प्रीमियम की रकम सम अस्योर्ड का 15% तक हो सकती है.

बहुत से लोग नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेते हैं. अगर आपने भी VRS लिया है तो आपको मिली 5 लाख रुपये तक की रकम Income Tax से फ्री है. यह सुविधा सिर्फ सरकारी या PSU (सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों) में काम कर रहे इम्पलॉई के लिए ही है, निजी क्षेत्र के कामकाजी लोगों के लिए नहीं.

अगर आपको भी अपने माता-पिता से विरासत में संपत्ति, जेवर या नकदी मिली है तो इस पर आपको Income Tax नहीं चुकाना होता है. अगर आपके नाम से किसी ने वसीयत किया था और आपको उससे संपत्ति या नकदी मिली है तो भी उस पर आपको इनकम टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है. ऐसी संपत्ति से भविष्य में होने वाली कमाई या ब्याज से आमदनी पर आपको अपने Tax Slab के अनुसार टैक्स देना पड़ेगा.

 अगर आपके पास कृषि भूमि है और आप खेती या उससे जुड़ी गतिविधियों से कमाई कर रहे हैं तो आपको उस आमदनी पर किसी तरह का Income Tax नहीं चुकाना पड़ता है. कृषि आय में उससे होने वाली उपज, किराए के रूप में मिलने वाली रकम आदि भी शामिल है. अगर आप कृषि फ़ार्म बनाकर खेती करते हैं तो उससे होने वाली आमदनी भी Income Tax से मुक्त है.

अगर आप कारोबारी हैं तो आपका बिजनस के दौरान कई तरह के लोगों से मिलना-जुलना होता है. इसमें ग्राहक, वेंडर और अन्य इम्पलॉई शामिल हैं. बिजनस की प्रक्रिया में ही उनको खिलाने-पिलाने का खर्च भी शामिल होता है. आपको इस तरह के खर्च का बिल रखना चाहिए और उसे व्यावसायिक खर्च के रूप में पेश करना चाहिए. अगर आप इस प्रक्रिया को अपनाते हैं तो आप इस रकम पर Income Tax बचा सकते हैं.

हमारा व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें: Click Here

Share This Post

Rameshwari Bishnoi

Rameshwari Bishnoi

Leave a Comment

Trending Posts