ओडिशा की बेटी की चुप्पी टूटी, सिस्टम फिर नाकाम: AIIMS में इलाज के दौरान मौत

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ओडिशा की बेटी की चुप्पी टूटी: ओडिशा के बालासोर जिले के फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज की 20 वर्षीय द्वितीय वर्ष बी.एड. की छात्रा ने शनिवार, 12 जुलाई को कॉलेज परिसर में पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह कर लिया। छात्रा ने आरोप लगाया था कि उसके विभागाध्यक्ष सहायक प्रो. समीर कुमार साहू (Samir Kumar Sahu) ने लंबे समय से उसका यौन उत्पीड़न किया और उसे दबाव बनाया। जांच में यह भी सामने आया कि साहू ने पिछले करीब छह महीने से छात्रा को छोटी-छोटी बातों पर प्रताड़ित करना शुरू किया था, अटेंडेंस कम होने का बहाना बना कर सेक्सुअल फेवर्स की मांग की थी और शिकायतकर्ता ने लगातार उत्पीड़न से तंग आकर दो बार अपनी जान लेने का प्रयास भी किया था। छात्रा ने मोबाइल पर सोशल मीडिया (X) पर मुख्यमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री और महिला आयोग को टैग करके अपनी व्यथा भी साझा की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी।

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पुलिस के अनुसार, आत्मदाह की कोशिश करते वक्त छात्रा ने कॉलेज के मुख्य प्राचार्य के कार्यालय के बाहर खुद को आग लगा ली। इस भयावह घटना में उसका लगभग 90-95% शरीर जल गया। उसे तुरंत बालासोर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहाँ हालात गंभीर देख 12 जुलाई को तत्काल AIIMS, भुवनेश्वर रैफर कर दिया गया था।

इलाज के दौरान हुई मौत:

AIIMS भुवनेश्वर के बर्न्स सेंटर में छात्रा को आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) में भर्ती किया गया। अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार उसे आईवी फ्लूइड और एंटीबायोटिक्स दिए गए, ऑक्सीजन के लिए इंटुबेट किया गया और मेकेनिकल वेंटिलेशन (Ventilation) सपोर्ट पर रखा गया। इसके बाद भी स्थिति नाजुक बनी रही। तीन दिनों तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद 14 जुलाई की रात 11:46 बजे चिकित्सकों ने छात्रा को कानूनी तौर पर मृत (मेडिकली डेड) घोषित कर दिया। AIIMS की चिकित्सा टीम ने बताया कि जितनी भी संभव चिकित्सा सहायता दी गई, उतना प्रभावी नहीं हो सका और छात्रा की दम तोड़ गई।

अधिकारियों एवं नेताओं की प्रतिक्रिया:

इस दर्दनाक घटना पर ओडिशा सरकार की चिंता जताई जा रही है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी (Mohan Charan Majhi) ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें घटना का गहरा दुख है और दोषियों को “कानून के अनुसार कड़ी सजा” दिलाने का आश्वासन दिया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी छात्रा की मौत पर शोक व्यक्त किया। वहीं, पीड़ित परिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने मंगलवार को एम्स भुवनेश्वर में जाकर ढाढस बंधाया। राष्ट्रपति ने परिवार और छात्रा को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। राज्यपाल हरिबाबू काम्भम्पति ने भी समय रहते कार्रवाई की अपील की और कहा कि छात्रों की सुरक्षा और सम्मान हर हाल में सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मामला स्वयं संज्ञान में लेते हुए ओडिशा डीजीपी से तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा है और तुरंत निष्पक्ष जांच की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने पत्र में निर्देश दिया है कि पीड़िता को नि:शुल्क इलाज और काउंसलिंग दी जाए तथा दोषियों को छोड़ा नहीं जाए।

समाज में फैला आक्रोश:

घटना की खबर फैलते ही प्रदेशभर में खलबली मच गई है। कई राजनीतिक दलों और छात्र संगठनों ने सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है। बीजू जनता दल (BJD) के कार्यकर्ताओं ने एआईएमएस परिसर के बाहर छात्रा को न्याय दिलाने की गुहार लगाई और एहतियातन शव को पोस्टमार्टम केंद्र ले जाते वक्त जोरदार नारेबाजी की। कांग्रेस नेता याशिर नवाज़ (Yashir Nawaz) ने पुलिस पर कलंक लगाने का आरोप लगाते हुए हाईअडुकेशन मंत्री सूर्यबंशी सुरज (Suraj Suryabanshi) की बर्खास्तगी की मांग की। नवाज़ ने कहा कि सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रही है, जबकि सच बाहर आ चुका है। सोशल मीडिया पर भी छात्रा के लिए आक्रोश भड़का हुआ है और लोग #JusticeForBalasoreStudent जैसे हैशटैग के जरिए न्याय की अपील कर रहे हैं।

पुलिस ने शिकायत के आधार पर समीर कुमार साहू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की आत्महत्या के लिए उकसाने (अनुच्छेद 108), यौन उत्पीड़न (धारा 75(1)(iii) जैसे धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। साहू को घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही आरोपी के बचाव का आरोप लगे निलंबित प्राचार्य दिलीप घोष (Dillip Kumar Ghose) को भी सोमवार को हिरासत में लिया गया। दोनों को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और पूछताछ जारी है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कॉलेज प्रशासन ने शिकायत के बाद कार्रवाई क्यों नहीं की।

यह दुखद घटना पूरे समाज को झकझोर कर रख गई है। पीड़ित छात्रा की जंग और अधूरी रही मांगें अब इंसाफ के लिए जिम्मेदारों पर दबाव बना रही हैं। परिवार, छात्र संगठनों और मानवाधिकार समूहों का कहना है कि दोषियों को “सख्त से सख्त सजा” मिले, ताकि यह घटना एक ‘ब्रेकिंग न्यूज’ से आगे जाकर बदलाव की लहर में तब्दील हो सके

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Beerma Ram is the owner of Jambhsar Media, who has been working in Media field since 2018, covering news of religious, political, social fields, connecting with rural life, living with backward people, educating illiterate people. Creating awareness, serving the poor and serving wildlife through my organization Jambhsar Hitkarini Snsthaan, saving rare animals has always been my goal.

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