Jambhsar Media Digital Desk : वित्तीय लेनदेन के लिए सभी के पास बैंक खाता होता है। वहीं, कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है जब एक व्यक्ति के पास एक से ज़्यादा बैंक अकाउंट होता है। बैंकिंग सेवाओं के डिजिटलाइज हो जाने के बाद से अब बैंक अकाउंट ओपन करवाना पहले के मुक़ाबले ज़्यादा आसान हो गया है। यही वजह है कि अब लोगों के पास अलग अलग बैंकों में एक से ज़्यादा अकाउंट मौजूद होते हैं। हालांकि, भले एक से आपके पास एक से ज़्यादा बैंक अकाउंट हैं। लेकिन अधिकतर लोगों को बैंक अकाउंट से जुड़े नियमों के बारे में जानकारी नहीं होती है। जिसकी वजह से बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं। आइए नीचे खबर में जानते हैं-
अगर आपके पास एक से अधिक बैंक अकाउंट हैं और आप उन्हे सुचारु रूप से नहीं चला पा रहे हैं, तो इससे आपको मौद्रिक नुकसान हो सकता है। एक्सर्ट का कहना है कि अगर आप वेतनभोगी हैं, तो कई बचत खाते रखने की तुलना में एक ही बचत बैंक खाता रखना आपके लिए बेहतर है। कर और निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, एक बैंक खाता बनाए रखना आसान है और जब आप अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे होते हैं, तो आपका काम आसान हो जाता है, क्योंकि आपके अधिकांश बैंकिंग विवरण एक ही बैंक खाते में उपलब्ध होते हैं।
यदि आपके पास एकल बचत बैंक खाता है, तो कुछ मौद्रिक लाभ भी हैं, क्योंकि आपको डेबिट कार्ड एएमसी, एसएमएस सेवा शुल्क, न्यूनतम शेष राशि आदि पर लगाए जाने वाले बैंक सेवा शुल्क का भुगतान केवल एक बैंक हो करना होगा। अगर आप एक से अधिक बैंक खाते रखते हैं, तो उनसे क्या नुकसान हो सकता हो सकता है, आइए जान लेते हैं।
एक से अधिक बैंक बचत खाते होने का मतलब निष्क्रिय खाते की संभावना है, जिसमें जालसाजी की संभावना सबसे अधिक है। ऐसा तब होता है जब एक वेतनभोगी व्यक्ति नौकरी बदलते समय अपने पुराने सैलरी अकाउंट को भूल जाता है। ऐसे मामले में सैलरी अकाउंट (salary account) निष्क्रिय हो जाता है और फिर इन खातों में जालसाजी की संभावना सबसे अधिक होती है।
एक से अधिक बचत खाते रखने से आपके बैंक खाते को उचित न्यूनतम शेष राशि आदि के साथ प्रबंधित करने में समस्या हो सकती है। ऐसे मामले में, एक भी गलती से जुर्माना लग सकता है, जो सीधे आपकी सिबिल रेटिंग (CIBIL Rating) पर फर्क डाल सकता है।
एक बैंक खाता होने पर विभिन्न सेवा शुल्क लगते हैं, जैसे- एसएमएस अलर्ट सेवा शुल्क, डेबिट कार्ड एएमसी (Debit Card AMC) आदि। यदि आपके पास एकल बैंक बचत खाता है, तो आपको एक बार भुगतान करना होगा, जबकि एक से अधिक बैंक के मामले में सर्विस चार्ज बढ़ जाता है।
बैंक बचत खाते में 10 हजार रुपये तक के ब्याज पर कर छूट होती है और इसलिए टीडीएस (TDS) कटौती होती है। जब तक आपके बैंक बचत खाते में 10,000 रुपये का ब्याज नहीं मिल रहा है, तब तक आपका बैंक टीडीएस (Bank TDS) नहीं काटेगा, लेकिन बैंक बचत खाते की संख्या कई होने के कारण, ऐसा हो सकता है कि आपके बैंक ने आपके एकल बैंक खाते की तरह टीडीएस नहीं काटा हो।
एक वित्तीय वर्ष में 10,000 रुपये का ब्याज नहीं मिलता है, लेकिन आपके सभी बचत खाते में संपूर्ण ब्याज जोड़ने के बाद, यह 10 हजार रुपये को पार कर सकता है, जिससे आप टीडीएस (TDS) कटौती के लिए उत्तरदायी होंगे। ऐसे में आपको आईटीआर फाइलिंग (ITR filing) के दौरान आयकर विभाग को इसकी जानकारी देनी होगी। ऐसा न करने पर आयकर धोखाधड़ी हो जाएगी।
पहले ये जान लें कि बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं…
सेविंग खाता
करंट खाता
सैलरी खाता (zero balance account)
जॉइंट खाता (करंट और सेविंग दोनों में)।
वहीं, अगर बात की जाए कि लोग सबसे ज्यादा कौन सा खाता खुलवाते हैं या किस खाते का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो इसमें सेविंग अकाउंट (savings account) नंबर 1 पर आता है। आमतौर पर लोग इसे प्राइमरी खाते के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
किसके लिए कौन सा खाता
इस सेविंग खाते (savings accounts) में लोग अपनी कमाई को जमा करते हैं और फिर इस पैसे पर बैंक की तरफ से ब्याज दिया जाता है। कोई बैंक हर महीने, कोई तीन, कोई छह महीने या सालाना ब्याज देता है। वहीं, दूसरी तरफ बिजनेस वाले लोग करंट अकाउंट (current account) और वेतन भोगी लोग सैलरी अकाउंट (salary account) का इस्तेमाल करते हैं।
एक व्यक्ति कितने बैंक खाते खुलवा सकता है?
आरबीआई (RBI) के नियम की मानें तो भारत में कोई भी व्यक्ति कितने भी बैंक खाते खुलवा सकता है। इसके लिए किसी प्रकार की कोई लिमिट तय नहीं की गई है। बस आप जितने भी बैंक खाते खुलवाते हैं, उसका आपको ध्यान रखना होता है। खाता खुलवाने के बाद जो लोग उन खातों पर ध्यान नहीं देते हैं, उनके खाते पर बैंक द्वारा चार्ज लगाए जाते हैं। ऐसी चीजों से बचने के लिए आपको अपने सभी बैंक खातों का ध्यान रखना चाहिए।