Jambhsar Media Desk, New Delhi: राजस्थान राज्य विद्युत् प्रसारण निगम लिमिटेड की तरफ से सूरतगढ़ के टिब्बा क्षेत्र के हिन्दौर इलाके में 220Kv का पावर स्टेशन लगाया जाएगा. इसको लेकर 60 करोड़ रूपए की स्वीकृति जारी की गई है.
इसके लिए जिला कलक्टर स्तर पर छह हेक्टेयर भूमि प्रसारण निगम को आवंटित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है। हिंदौर 220 केवी जीएसएस से 132 केवी जीएसएस श्रीविजयनगर व 132 केवी प्रभातनगर को जोड़ा जाएगा। इस से क्षेत्र में विद्युत सप्लाई में सुधार होगा तथा गुणवत्तापूर्ण विद्युत सप्लाई मिलेगी।
विदित रहे कि श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में 220 केवी विद्युत सब स्टेशन छह जगह पर बने हुए हैं। इनमें श्रीगंगानगर जिले में जिला मुख्यालय पर स्थित रीको, पदमपुर व सूरतगढ़ स्थित माणकसर में 220 केवी का विद्युत सब स्टेशन बना हुआ है। हनुमानगढ़ जिले में सतीपुरा, रावतसर व भादरा में 220 केवी ग्रिड सब स्टेशन स्थापित किए हुए हैं।
नए 220 केवी जीएसएस से यह होगा लाभ
-विद्युत की छीजत में कमी आएगी।
-विद्युत सप्लाई में उतार-चढ़ाव नहीं होगा।
-बार-बार विद्युत सप्लाई बाधित नहीं होगी।
-निर्बाध रूप से अच्छी गुणवत्ता की विद्युत सप्लाई मिलेगी।
-टिब्बा क्षेत्र में कृषि कनेक्शन अधिक है इसीलिए थ्री-फेज विद्युत सप्लाई में व्यवधान नहीं आएगा।
सूरतगढ़ तहसील क्षेत्र के गांव हिंदौर में 220 केवी ग्रिड सब स्टेशन स्थापित किया जाएगा। इससे क्षेत्र के लोगों को अच्छी गुणवत्ता ही विद्युत सप्लाई मिलेगी। ग्रिड सब स्टेशन के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है। इसकी अब डीपीआर बनाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
– हनुमान पंवार,अधीक्षण अभियंता,राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम।
प्रभातनगर में 132 केवी जीएसएस जल्दी शुरू होगा
सूरतगढ़ थर्मल पावर स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित प्रभातनगर में बना 132 केवी जीएसएस 30 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर स्थापित किया गया है। थर्मल से 12 बीघा भूमि लेकर जीएसएस स्थापित किया है।
राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम श्रीगंगानगर के सहायक अभियंता सुरेंद्र कुमार बंसल ने बताया कि जीएसएस पर 20 व 25 केवीए का विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित कर 132 केवी जीएसएस को चार्ज किया जाएगा।
इस गर्मी के मौसम में जीएसएस को शुरू करने की प्लानिंग है। उल्लेखनीय है कि इसके लिए संबंधित ठेकेदार को अंतिम नोटिस जारी कर जल्दी संपूर्ण कार्य पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसको लेकर किसानों ने आंदोलन भी किया था।