Jambhsar Media News Digital Desk नई दिल्ली: नया घर बनाना हर किसी का सपना होता है। क्योंकि जो आज़ादी आपको घर पर मिलती है वह कहीं और नहीं मिल सकती। ऐसे में कुछ लोग फ्लैट खरीदकर घर बना लेते हैं.तो वहीं, कुछ जमीन खरीदकर बनाते हैं। लेकिन आप बस यूं ही कंस्ट्रक्शन शूरू नहीं कर सकते हैं। आपको घर के निर्माण के लिए परमिशन लेनी पड़ती है। अगर आपके पास कई एकड़ जमीन है तो आप ऐसे ह कहीं पर भी घर नहीं बना सकते हैं। इसके लिए आपके पास कुछ जरूरी दस्तावेज होने चाहिए। आएइ नीचे जानते हैं-
किसी के लिए भी अपना घर बनवाना किसी सपने से कम नहीं होता. सभी लोग चाहते हैं उनका एक बेहद शानदार घर हो. जहां वह आराम से रह सके. कुछ लोग फ्लैट खरीदते हैं. तो वहीं कुछ लोग जमीन खरीद कर उस पर घर बनवाते हैं. अगर आप भारत में जमीन खरीद कर उस पर अपना घर बनवाते हैं. तो फिर आप यूं ही उस पर कंस्ट्रक्शन शुरू नहीं कर सकते. आपको उसके लिए परमिशन लेनी होगी. कैसे लेनी होगी परमिशन आइए जानते हैं।
ऐसा अक्सर होता है कि मकान बनाने के लिए ज्यादा जमीन नहीं होने पर लोग खेत मे मकान बना लेते हैं। अगर आपकी भी ऐसी कोई प्लानिंग है तो जरा रुककर इस खबर को पढ़ लीजिए। ऐसा न हो कि मकान बनाने के बाद उसे तोड़ने की नौबत आ जाए। दरअसल, खेतिहर जमीन से जुड़ा एक नियम है जो आपको बिना जरूरी प्रोसेस के कृषि भूमि पर मकान बनाने की इजाजत नहीं देता है। इसके अलावा कुछ लोग खेतिहर जमीन पर प्लॉट बनाकर बेच देते हैं। ऐसी जमीन खरीदने पर भी आपका पैसा डूब सकता है। लिहाजा दोनों ही हालात में पैसे गंवाने से पहले इससे जुड़े नियम को समझ लेना ही बेहतर होगा।
दरअसल, खेती की जमीन पर उसका मालिक भी बिना परमिशन के घर नहीं बना सकता है। ऐसे में कहीं घर बनवाने के बाद आपको उसे गिराना नहीं पड़े, इसलिए आपको इससे जुड़े नियमों को जानना लेना चाहिए।
ऐसी भूमि जिस पर किसी भी तरह की फसलों का उत्पादन किया जाता है, वह खेती योग्य भूमि में आती है। आम तौर पर कृषि भूमि क्षेत्र के हिस्से के रूप में परिभाषित की गई जमीन स्थायी चारागाहों, फसलों और कृषि कार्यों आदि के इस्तेमाल के लिए उपयोग में ली जाती है। इनमें किसानों द्वारा हर साल फसलों का उत्पादन किया जाता है। इस जमीन पर आपका मालिकाना हक होने के बावजूद आप इसमें घर नहीं बना सकते हैं। इसके लिए आपको सरकार की ओर से परमिशन लेने की जरूरत होती है।
अगर आप खेती की जमीन पर घर बनाना चाहते हैं तो पहले आपको उसका कन्वर्जन कराना होता है। उसके बाद ही आप खेती की भूमि पर घर बनवा सकते हैं। हालांकि, कनवर्जन का नियम देश के कुछ ही राज्यों में हैं। बता दें कि जब खेती की जमीन को आवास भूमि में बदला जाता है तो आपको कुछ शुल्क का भुगतान भी करना होता है। इसके अलावा आपको म्यूनिसिपल काउंसिल या ग्राम पंचायत से एनओसी लेने की भी जरूरत होती है।
खेती योग्य भूमि को आवास योग्य भूमि में बदलने के लिए आपको कनवर्जन कराना होता है, जिसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होती है। इसमें जमीन के मालिक का पहचान पत्र होना आवश्यक है। इसके साथ ही फसलों का रिकार्ड, किरायदारी, मालिकाना हक भी जरूरी है। वहीं आपसे लैंड यूटिलाइजेशन प्लान, सर्वे मैप, लैंड रेवेन्यू की रसीद भी मांगी जाती है। इसके अलावा उस जमीन पर कोई बकाया राशि या फिर कोई मुकदमा नहीं होना चाहिए।