Rajasthan News: राजस्थान में पंचायतीराज चुनाव की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है. प्रदेश के पंचायतीराज विभाग ने ग्राम पंचायत व पंचायत समितियों के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन और नवसृजन के लिए प्रावधान तय किए गए है. इन सब प्रक्रिया के लिए वर्ष 2011 की जनगणना को आधार माना जाएगा. एक नए ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के लिए न्यूनतम 3 हजार और अधिकतम 5500 की जनसंख्या हो सकती है.
सहरिया क्षेत्र किशनगंज व शाहबाद और चार मरुस्थलीय जिलों जिनमें बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर के लिए न्यूनतम जनसंख्या 2000 और अधिकतम 4000 की आबादी प्रावधान किया है। यही प्रावधान अनुसूचित क्षेत्र बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिला और उदयपुर जिले के लिए भी किया गया है।
साथ ही ग्रामवासियों की मांग पर उनके गांव को दूसरी ग्राम पंचायत में शामिल किया जा सकेगा, लेकिन उसकी दूरी उस पंचायत मुख्यालय से 6 किलोमीटर से ज्यादा नहीं हो सकेगी।
पंचायत समितियों में जोड़े जा सकेंगे 25 गाँव
जिन पंचायत समितियों में 40 या उससे अधिक ग्राम पंचायतें और 2 लाख या उससे अधिक आबादी है तो उनका पुनर्गठन किया जाएगा। पुनर्गठित और नवसृजित पंचायत समितियों में ग्राम पंचायतों की संख्या न्यूनतम 25 रखनी होगी। जैसे किसी पंचायत समिति में 42 ग्राम पंचायतें हैं तो नवसृजित एक पंचायत समिति में 25 ग्राम पंचायतें और अन्य में 17 ग्राम पंचायतें होगी।
जिला कलक्टर प्रशासनिक दृष्टिकोण से अनुकूल होने पर नजदीकी या किसी एक या एक से अधिक पंचायत समितियों में से 8 ग्राम पंचायतें लेकर 17 ग्राम पंचायतों वाली पंचायत समिति में 25 ग्राम पंचायतें रख सकेंगे। पुनर्गठित और नवसृजित पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के प्रस्तावों पर आपत्तियां भी ली जाएंगी।
जिला कलेक्टर्स को किया गया अधिकृत
ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठित और नवसृजित के प्रस्ताव तैयार कराने से लेकर उनका राज्य सरकार से अनुमोदन कराए जाने तक की प्रक्रिया के लिए जिला कलक्टरों को अधिकृत किया है। पंचायतीराज विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
20 जनवरी से शुरू होगी प्रक्रिया
20 जनवरी से 18 फरवरी तक कलक्टर ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के प्रस्ताव तैयार कराएंगे। 20 फरवरी से 21 मार्च तक प्रस्तावों को प्रकाशित करके आपत्तियां आमंत्रित करेंगे। 23 मार्च से 1 अप्रेल 2025 तक आपत्तियों का निस्तारण करेंगे। 3 अप्रेल से 15 अप्रेल 2025 तक आपत्तियों के निस्तारण के बाद फाइनल प्रस्ताव पंचायतीराज विभाग को भिजवाएंगे।















