Jambhsar Media News Digital Desk नई दिल्ली: कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा-2020 पेपर लीक मामले में SOG ने बड़ा खुलासा किया। शिक्षक का बेटा डाक विभाग की नौकरी छोड़ 2 साल पहले बना था जेईएन और कुछ करीबी रिश्तेदार भी 1-2 साल में ही आए सरकारी नौकरी में।
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा-2020 पेपर लीक मामले में अब भी कई वांटेड की तलाश है। एसओजी की पड़ताल में सामने आया कि खातीपुरा निवासी शिक्षक राजेन्द्र यादव का बेटा दो वर्ष पहले ही डाक विभाग की नौकरी छोड़ जेईएन बना है और पुत्रवधू भी दो-तीन वर्ष पहले ही सरकारी शिक्षिका बनी है। वहीं दौसा निवासी हर्षवर्धन मीणा की पत्नी पटवारी है और भाई-भाभी भी सरकारी नौकरी में हैं।
एडीजी वी.के. सिंह ने बताया कि आरोपी हर्षवर्धन का एक भाई नकल मामले में पहले गिरफ्तार हो चुका। अब हर्षवर्धन, शिक्षक राजेन्द्र यादव के सरकारी नौकरी करने वाले नजदीकी रिश्तेदार व परिजन की सूची तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि तस्दीक के बाद पता चलेगा कि इनके परिजन व रिश्तेदार सरकारी नौकरी में कैसे लगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 के बाद से अब तक पेपर लीक करने वाले 50 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सिंह के अनुसार मंगलवार को गिरफ्तार शिक्षक राजेन्द्र यादव और लाइब्रेरियन शिवरतन शर्मा को बुधवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें दस दिन की एसओजी रिमांड पर सौंप दिया गया। वहीं आरोपी हर्षवर्धन व राजेन्द्र यादव उर्फ राजू 2 मार्च तक पहले से रिमांड पर हैं। एसओजी की प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि पेपर लीक गिरोह में आका और कोई है। आरोपी शिक्षक राजेन्द्र और नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार हर्षवर्धन तो गैंग के सक्रिय सदस्य हैं। एसओजी आका की तलाश में जुटी है। एएसपी रामसिंह शेखावत ने कहा कि हर्षवर्धन की सूचना पर दौसा में उसके परिचित से पेपर लीक से जुटाए 6 लाख रुपए बरामद किए हैं।
एसओजी के मुताबिक पटवारी हर्षवर्धन व शिक्षक राजेन्द्र यादव के पास करोड़ों की सम्पत्ति है, जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है। हर्षवर्धन ने दौसा क्षेत्र में एक आश्रम खोला था, जिसमें एक बाबा को रखकर उसकी आड़ में पेपर लीक की धनराशि को ठिकाने लगाता था। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि शिक्षक राजेन्द्र यादव करीब 10 वर्ष से आलीशान जिंदगी जी रहा था। लग्जरी कारें खरीदी और नया मकान भी बनवाया। वैशाली नगर क्षेत्र में एक निजी स्कूल और कोचिंग चलाने की भी जानकारी सामने आई है जिसकी जानकारी एसओजी जुटा रही है।
एडीजी सिंह ने बताया कि वर्तमान में पेपर लीक करने वाले मास्टर माइंड में जगदीश मीणा पहले नंबर पर है, जो जमानत पर जेल से बाहर है। दूसरे नंबर पर सुरेश ढाका है, जिसकी तलाश में टीमें लगी है। इनके अलावा भूपेन्द्र सारण, पटवारी हर्षवर्धन मीणा, शिक्षक राजेन्द्र यादव भी सक्रिय हैं। अलग-अलग गैंग में परीक्षा से पहले पेपर लेने की प्रतिस्पर्धा रहती थी और गत 5 वर्ष में 7 प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक किए गए। एसओजी के एएसपी रामसिंह शेखावत व बजरंग सिंह शेखावत के नेतृत्व में टीम मामले की जांच कर रही है।
एसओजी ने आरपीए में उपनिरीक्षक का प्रशिक्षण ले रहे डालूराम को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर पूछताछ की तब उसने कहा कि मैं कुछ बताऊंगा तो बॉस नाराज हो जाएंगे। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने बताया कि हर्षवर्धन बॉस है और उसकी पत्नी भी उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा में डमी अभ्यर्थी के जरिये ही पास हुई थी। लेकिन शारीरिक परीक्षा में रह गई। एडीजी सिंह ने कहा कि इस संबंध में अलग से मामला दर्ज कर रहे हैं। हर्षवर्धन की पत्नी का पटवारी पद पर चयन भी डमी अभ्यर्थी के जरिये हुआ था। एसओजी सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने पटवारी परीक्षा का पर्चा भी लीक किया था।