हरियाली अमावस्या:- इस साल का सावन सिर्फ बारिश और हरियाली लेकर नहीं आया है। 24 जुलाई 2025 को मनाई जाने वाली हरियाली अमावस्या में एक ऐसा खगोलीय संयोग बन रहा है जो पिछले 25 वर्षों से इंतजार में था। जी हां, गुरु पुष्य योग का यह दुर्लभ combination भारतीय परंपरा में सिर्फ एक तिथि नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था और पर्यावरण प्रेम का महाकुंभ है।
हरियाली अमावस्या 2025: तारीख और शुभ मुहूर्त
कब है हरियाली अमावस्या?
- मुख्य तिथि:24 जुलाई 2025, गुरुवार
- अमावस्या तिथि प्रारंभ:24 जुलाई, प्रातः 2:28 बजे
- अमावस्या तिथि समाप्त:25 जुलाई, रात 12:40 बजे
हिंदू पंचांग के अनुसार उदयातिथि के आधार पर 24 जुलाई को ही सभी धार्मिक कार्य और पूजा-पाठ किया जाएगा। इस दिन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह सावन शिवरात्रि के ठीक अगले दिन आती है।
25 साल बाद का चमत्कारी संयोग: गुरु पुष्य योग
इस बार हरियाली अमावस्या पर जो सबसे बड़ी बात है, वह है गुरु पुष्य योग का निर्माण। ज्योतिषियों के अनुसार यह योग 25 साल बाद बन रहा है।
गुरु पुष्य योग की विशेषताएं:
- समय:शाम 4:43 बजे से 25 जुलाई सुबह 5:39 बजे तक
- महत्व:सोना, वाहन, मकान खरीदने के लिए अत्यंत शुभ
- दुर्लभता:यह योग तब बनता है जब गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र होता है
हरियाली अमावस्या 2025 में सिर्फ गुरु पुष्य योग ही नहीं, बल्कि कुल चार शुभ योग एक साथ बन रहे हैं:
- शिववास योग:पूरे दिन (भगवान शिव पृथ्वी पर निवास)
- सर्वार्थ सिद्धि योग:सभी कार्यों में सफलता
- अमृत सिद्धि योग:अक्षय लाभ का योग
- हर्षण योग:खुशी और समृद्धि का योग
व्रत कथा का सार:
एक प्राचीन कथा के अनुसार, एक साहूकार की बहू ने पारिवारिक कठिनाइयों के बावजूद पीपल के वृक्ष की नियमित पूजा की। उसकी अटूट श्रद्धा और हरियाली के प्रति प्रेम से न केवल उसके पितरों को शांति मिली, बल्कि पूरे परिवार में सुख-समृद्धि आई।
मुख्य परंपराएं:
- पवित्र नदियों में स्नान
- पीपल, बरगद और बेल के वृक्षों की पूजा
- पितरों का तर्पण और श्राद्ध
- वृक्षारोपण (Tree Plantation)
- दान-पुण्य और भोजन वितरण
2025 का मानसून अभूतपूर्व रहा है। मौसम विभाग के अनुसार इस साल मानसून 8 दिन जल्दी आया और सामान्य से 106% बारिश हुई है। Climate change के इस दौर में हरियाली अमावस्या का पर्यावरणीय संदेश और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
Tree Plantation Drives 2025:
- उत्तर प्रदेश:37 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य
- बिहार:5 करोड़ पौधरोपण अभियान
- दिल्ली:वन महोत्सव के तहत 70 लाख पेड़
- मणिपुर:76वां वन महोत्सव celebration
सुबह की विधि:
- ब्रह्म मुहूर्त (4:15 AM – 4:57 AM) में स्नान
- पवित्र नदी या गंगाजल मिले पानी से स्नान
- सूर्य को अर्क देना
दिन भर की पूजा:
- शिवलिंग का जलाभिषेक
- बेलपत्र, धतूरा चढ़ाना
- पीपल वृक्ष की 7 परिक्रमा
- पितृ तर्पण और पिंडदान
शाम की रस्में:
- दीप प्रज्वलन
- भजन-कीर्तन
सबसे लाभकारी राशियां:
- मेष: व्यापारिक सफलता
- वृष: धन लाभ की संभावनाएं
- मिथुन: नई शुरुआत के लिए उत्तम
- कर्क: पारिवारिक खुशियां
हरियाली अमावस्या 2025 सिर्फ एक धार्मिक तिथि नहीं है। यह हमारे cultural values, environmental consciousness और social responsibility का मिला-जुला रूप है। 25 साल बाद आने वाला गुरु पुष्य योग इसे और भी special बनाता है।
इस दिन जब आप कोई पेड़ लगाएं, तो सिर्फ धार्मिक कर्म नहीं कर रहे होंगे। आप आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर planet छोड़ने का काम कर रहे होंगे। यही तो है हरियाली अमावस्या का असली message – आस्था हो या विज्ञान, दोनों एक ही बात कहते हैं: हरियाली ही जिंदगी है।
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