Jambhsar Media Digital Desk : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि आरबीआई (Reserve Bank Of India) ने पुराना लोन चुकाने के लिए नए लोन देने वाले बैंकों (Bank) को अलर्ट किया है। केंद्रीय बैंक ने वैकल्पिक निवेश कोष में निवेश के नियम को सख्त किया हैं। आरबीआई की ओर से आए इस अपडेट से जुड़ी पूरी डिटेल जानने के लिए खबर को पूरा पढ़े।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पुराना लोन चुकाने के लिए नए लोन देने वाले बैंकों को अलर्ट किया है. केंद्रीय बैंक ने वैकल्पिक निवेश कोष में निवेश के नियम को सख्त किए हैं. बैंकों के साथ ही एबीएफसी, वित्तीय संस्थानों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों पर भी RBI ने सख्ती बरती है.
दरअसल, आरबीआई ने एआईएफ के जरिए पुराने कर्जदाताओं को ही लोन चुकाने को कर्ज देने की शिकायतें मिलने के बाद ये कदम उठाया है. आरबीआई ने बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के साथ ही हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को भविष्य में ऐसा नहीं करने की नसीहत दी है.
आरबीआई ने इस मामले में एक एडवाइजरी जारी कर कहा कि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां उस वैकल्पिक निवेश कोष की किसी भी योजना में निवेश नहीं कर सकती है, जिसने वित्तीय संस्थान से पिछले 1 साल में कर्ज लेने वाले कर्जदाताओं की कंपनी में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निवेश कर रखा है.
दरअसल, वेंचर कैपिटल फंड, एंजल फंड, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, प्राइवेट इक्विटी फंड और हेज फंड समेत कुछ अन्य संस्थान वैकल्पिक निवेश कोष के दायरे में आते हैं. रिजर्व बैंक ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा कि एआईएफ से जुड़े आरई के कुछ लेनदेन जो नियमकीय व्यवस्था से जुड़े हैं उस बारे में जानकारी मिली है. रिजर्व बैंक ने कहा कि ये फैसला पुराने कर्ज को लौटाने के लिए नई कर्ज देने की व्यवस्था पर रोक लगाने के लिए लिया गया है.