Jambhsar Media Digital Desk : देश में ज्यादार बैंक ग्राहकों को अपना कीमती सामान रखने के लिए लॉकर की सुविधा देते हैं। इसके बदले में बैंकों की ओर से ग्राहकों से किराया लिया जाता है जो कि बैंक दर बैंक अलग होता है। कई बार देखा जाता है कि किसी कारण से बैंक लॉकर में रखा सामान गायब हो जाता है। ऐसा होने ग्राहकों को कितना मुआवजा मिलेगा। इसे लेकर क्या नियम हैं आइए जानते हैं।
आज के इस डिजिटल युग (digital age) में लोग कैश कम रखने की आदि हो रहे हैं. वह ऑनलाइन पेमेंट करना अधिक प्रीफर कर रहे हैं. इन सभी सुविधाओं को पूरा करने में बैंक एक बड़ी भूमिका निभाता है. वह बैंक कौन सा है? यह पर्सन-टू-पर्सन डिपेंड करता है, लेकिन उस बैंक में लागू होना वाला नियम (rule applicable in bank) आरबीआई द्वारा तय किया जाता है. ऐसा ही एक नियम कुछ दिन पहले आरबीआई ने बैंक लॉकर सिस्टम से संबंधित बनाया था. नियम पहले से ही था, बस उसमें कुछ बदलाव किया गया था. अगर आप बैंक लॉकर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इस नए नियम के बारे में जान लेना चाहिए.
RBI के नए बैंक लॉकर के नियम में कई बदलाव किए गए हैं. नए नियम के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति बैंक के लॉकर में अपना सामान रखता है और वह खराब हो जाता है तो ऐसे में बैंक की जिम्मेदारी होगी कि वह उसका हर्जाना भरे. बैंक ग्राहक को लॉकर के सालाना किराए का 100 गुना पैसा चुकाने के लिए बाध्य होगा. वहीं, अगर बैंक में आग लगने, डकैती होने या किसी भी अन्य तरह की आपदाएं आती हैं तो बैंक ही उससे हुए नुकसान की भरपाई ग्राहक को करेगा.
अगर आपको बैंक में लॉकर लेना है तो आपको पहले ब्रांच में जाना होगा, जहां आप अपना लॉकर खुलवाना चाहते हैं. यह आपका कोई भी नियरेस्ट ब्रांच हो सकता है. फिर वहां एप्लीकेशन देनी होगी. लॉकर आपको पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर अलॉट किया जाता है. अगर अप्लीकेशन देने के बाद आपका नाम बैंक की वेटिंग लिस्ट में आता है तो आपको लॉकर दिया जाता है. इसके लिए आपसे कुछ किराया सालाना आधार पर लिया जाता है.
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