Jambhsar Media News Digital Desk नई दिल्ली: राजस्थान के बीकानेर से दस किलोमीटर दूर नाल बड़ी और सालासर गांव के पास व्हाइट क्ले की पट्टी के नीचे क्रूड ऑयल और प्राकृतिक गैस के भंडार मिले हैं।
ओएनजीसी की ओर से प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल की तलाश में नाल में वेल ड्रिलिंग (कुआं) खुदाई का कार्य जारी है। यहां पर 1527 मीटर तक गहराई में खुदाई होनी है। मशीनों के माध्यम से भूगर्भ में करीब 1250 मीटर से अधिक गहराई तक ड्रिलिंग की जा चुकी है।
नीचे सख्त चट्टानें आने से इनके बीच नेचुरल गैस और कच्चा तेल होने की पूरी संभावना है। अभी ड्रिलिंग कर 9 मीटर लम्बाई का चट्टान का टुकड़ा निकाला गया है। इसे जांच के लिए देहरादून लैब में भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट से पूरी तरह स्पष्ट होगा कि भूगर्भ में 1200 से 1250 मीटर के बीच कौन-कौनसी चट्टान और धातुएं मौजूद हैं।
गौरतलब है कि नाल में दो जगह के साथ सालासर गांव में ड्रिलिंग हो रही है। अभी नाल में एक जगह अंतिम तीन सौ मीटर की खुदाई शेष रही है। सूत्रों के मुताबिक गहराई में लाइम स्टोन और सैंड स्टोन की परतें मिली हैं। इनके बीच आम तौर पर तेल और गैस मिलती है। इसी के साथ कई तरह की अन्य गैसों के भंडार भी नीचे होने का अनुमान लगाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, 1200 मीटर से 1527 मीटर के बीच तेल और गैसों का भंडार है। इसके लिए अभी जमीन में ड्रिलिंग कर किए गए छेद में वायर डालकर अध्ययन किया जाएगा। इसमें पता लगेगा कि कितनी गहराई पर तेल या गैस चट्टानों की परतों के बीच यह उपलब्धता है। इसके बाद गन के माध्यम से 1200 मीटर से नीचे विस्फोट किया जाता है। इससे चट्टानों के बीच छिपे तेल-गैस के भंडारों का पता चल जाता है।
ओएनजीसी को फरवरी तक के लिए यह ब्लॉक दिया हुआ था। अभी केन्द्र सरकार ने इसकी अवधि छह महीने और बढ़ा दी है। अब कम्पनी यहां पर अगले दस दिन में वेल ड्रिलिंग का कार्य पूरा कर लेगी। यदि तेल और गैस के भंडार मिलते हैं, तो ब्लॉक आवंटन किए जाएंगे।