Jambhsar Media, New Delhi: आगामी 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत होने जा रही है. वित्तीय वर्ष फाइनेंस के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होता है. 1 अप्रैल से टैक्स से जुड़े कई नियमों में इस बार बदलाव देखने को मिलेगा. देते है आपको जानकारी कौनसे नियमों में होने जा रहा है बदलाव…
इन बदलावों की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल अपने बजट भाषण में की थी। चलिए इन्हीं बदलावों के बारे में जानते हैं जिनके बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए।
1. एक अप्रैल 2024 से, नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था बन जाएगी। इसका मतलब है कि अगर आपने अभी तक टैक्स फाइल करने का तरीका नहीं चुना है, तो आप नई कर व्यवस्था के तहत टैक्स भरेंगे।
एक अप्रैल 2023 से इनकम टैक्स नियमों में बदलाव किए गए थे। नई कर व्यवस्था के तहत मूल छूट सीमा ₹ 2.5 लाख से बढ़ाकर ₹ 3 लाख कर दी गई थी।
इसके अतिरिक्त, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 87A के तहत छूट को ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹7 लाख कर दिया गया।
इसका मतलब यह है कि नई व्यवस्था के तहत 7 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले व्यक्तियों को कोई आयकर नहीं देना होगा क्योंकि वे पूर्ण कर छूट के लिए पात्र हैं।
नए टैक्स स्लैब इस प्रकार होंगे:
₹ 3 लाख और ₹ 6 लाख से आय वाले हिस्से पर 5% टैक्स लगेगा
6 लाख से ₹9 लाख तक पर 10% टैक्स लगेगा
9 लाख से ₹12 लाख तक 15% टैक्स लगेगा
12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा
15 लाख रुपये और उससे अधिक पर 30% टैक्स लगेगा
2. ₹50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन, जो पहले विशेष रूप से पुरानी कर व्यवस्था पर लागू था, अब नई कर व्यवस्था में शामिल कर दिया गया है। यह नई व्यवस्था के तहत कर योग्य आय को और कम करने का काम करता है।
3. पहले, 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 37% का सरचार्ज लगता था। अब, इसे घटाकर 25% कर दिया गया है। इसका मतलब है कि नई टैक्स व्यवस्था चुनने पर 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय वाले लोगों को अब कम कर देना होगा।
4. वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल, 2023 को या उसके बाद जारी की गई जीवन बीमा पॉलिसियों से प्राप्त मैच्योरिटी आय पर टैक्स लगेगा। यह टैक्स उन पॉलिसियों पर लागू होगा जिनमें कुल प्रीमियम ₹5 लाख से अधिक है।
5. 2022 तक, गैर-सरकारी कर्मचारियों को ₹ 3 लाख तक के अवकाश नकदीकरण पर कर छूट मिलती थी। अब यह सीमा बढ़ाकर ₹ 25 लाख कर दी गई है।