डोली गांव में अंतिम संस्कार के लिए भी नहीं है जगह:- राजस्थान के बालोतरा जिले में स्थित डोली राजगुरा गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जो हमारे प्रशासनिक व्यवस्था और पर्यावरणीय संकट की पोल खोलती है। भील समुदाय के युवक भैराराम की मृत्यु हो जाने पर श्मशान घाट में केमिकल पानी भर जाने के कारण अंतिम संस्कार नहीं हो सका, जिसके बाद 5 घंटे तक हाईवे जाम कर दिया जोजरी नदी में बहने वाले केमिकल युक्त पानी ने न केवल गांव की जिंदगी को दूभर बना दिया है, बल्कि मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं बची है। इस गंभीर स्थिति के कारण ग्रामीणों ने हाईवे को जाम कर दिया और 5 घंटे तक प्रदर्शन किया।
पर्यावरणीय तबाही का मंजर – जोजरी नदी का जहरीला पानी
डोली राजगुरा निवासी रामाराम का बेटा भैराराम लंबे समय से मानसिक बीमारी से ग्रसित था। गुरुवार सुबह जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में दम तोड़ दिया। घर से गुरुवार सुबह अंतिम यात्रा निकाली गई, लेकिन जब परिजन मुक्तिधाम पहुंचे तो वहां एक भयानक नजारा था – पूरा श्मशान घाट केमिकल पानी से भरा हुआ था | डोली, अराबा, कल्याणपुर और आसपास के गांवों में रहने वाले लगभग 16 लाख लोग इस जहरीले पानी के दुष्प्रभावों से पीड़ित हैं। पारिस्थितिक आपदा ने पहले ही सैकड़ों जंगली जानवरों की जान ले ली है, जिनमें चिंकारा, मोर और अन्य दुर्लभ प्रजातियां शामिल हैं।
भैराराम की दुखद मौत – एक परिवार का दर्द
डोली राजगुरा निवासी रामाराम का बेटा भैराराम लंबे समय से मानसिक बीमारी से ग्रसित था। गुरुवार सुबह जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में दम तोड़ दिया। घर से गुरुवार सुबह अंतिम यात्रा निकाली गई, लेकिन जब परिजन मुक्तिधाम पहुंचे तो वहां एक भयानक नजारा था – पूरा श्मशान घाट केमिकल पानी से भरा हुआ था।
ग्रामीणों का आक्रोश – हाईवे पर 5 घंटे का धरना
परेशान परिजन व ग्रामीणों ने RLP नेता थानसिंह डोली के नेतृत्व में डोली राजगुरा के बस स्टैंड के पास हाईवे पर दोपहर 1.30 बजे शव को रखकर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन दिखाता है कि जब व्यवस्था फेल हो जाती है तो आम जनता को किस हद तक जाना पड़ता है न्याय के लिए।
प्रशासन की देर से पहुंची टीम
सूचना पर कल्याणपुर थानाधिकारी बुद्धाराम चौधरी, एसडीएम अशोक कुमार, पचपदरा डीएसपी अशोक जोशी, कल्याणपुर तहसीलदार प्रवीण चौधरी, बीडीओ महेशसिंह भी मौके पर पहुंचकर वार्ता शुरू की। लेकिन 5 घंटे की लंबी बातचीत के बाद शाम 6.30 बजे मुक्तिधाम की पाळ पर झाड़ियां काट कर दाह संस्कार किया गया।
मौके पर एकत्रित हुई भीड़
मौके पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित होने लगी तो एसडीएम अशोक कुमार, डीएसपी अशोक जोशी ने पहुंचकर समझाइश की कोशिश की। कल्याणपुर, मंडली, पचपदरा, समदड़ी थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंची।
लिखित आश्वासन की मांग
ग्रामीणों ने श्मशानघाट की ऊंचाई बढ़ाने, आवागमन का रास्ता सुचारू करवाने, रासायनिक पानी के बहाव का स्थायी समाधान सहित अन्य मांगों का लिखित में आश्वासन मांगा।
RLP नेता थानसिंह डोली का बयान
RLP नेता थान सिंह डोली ने बताया कि भैराराम लंबे समय से बीमार था और उसका जोधपुर में इलाज चल रहा था। उन्होंने इस समस्या को गंभीरता से उठाया और प्रशासन पर जमकर भड़के।
तत्काल आवश्यक कदम
- श्मशान घाट की तत्काल सफाई और जल निकासी
- औद्योगिक प्रदूषण पर सख्त कार्रवाई
- प्रभावित क्षेत्रों का पुनर्वास
- स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था
सिस्टम की पूर्ण विफलता
जब जिंदगी केमिकल के जहर से भर जाए और मौत के बाद भी अंतिम संस्कार के लिए जगह न मिले, तो यह सिस्टम की पूर्ण विफलता है। डोली राजगुरा की यह घटना दिखाती है कि कैसे औद्योगिक प्रदूषण ने आम जनता की जिंदगी को नर्क बना दिया है।
यह समय सिर्फ वादों का नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई का है। क्या सरकार डोली के लोगों की आवाज सुनेगी, या फिर यह संकट और भी गहराता जाएगा? भैराराम की मौत सिर्फ एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि पूरी व्यवस्था की मौत का प्रतीक है।
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