Rajasthan Expressway: इस नए एक्सप्रेसवे से बदल जायेगी राजस्थान की तस्वीर, फर्राटेदार स्पीड से दौड़ेगी गाड़ियां

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Jambhsar Media Desk, New Delhi: राजस्थान के सबसे लम्बे एक्सप्रेसवे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे के अधिकतर हिस्से का निर्माण कार्य अब लगभग पूरा हो चुका है.  अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस वे कुल 917 किलोमीटर लंबा है जबकि इस एक्सप्रेस-वे का 637 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान से गुजर रहा है।

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अब तक करीब 555 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे बन कर तैयार हो चुका है और करीब 502 किलोमीटर लंबे हिस्से का उद्घाटन पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर चुके हैं, इसके बाद 53 किलोमीटर और निर्माण हो चुका है।

इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने सोमवार को किया। इस एक्सप्रेस-वे का 135 किमी का क्षेत्र जोधुपर-फलोदी जिले से होकर गुजर रहा है। इससे आर्थिक उन्नति के साथ हमारी सामरिक ताकत भी मजबूत होगी। जोधपुर जिले के हैंडीक्राफ्ट, स्टोन, सोलर और पचपदरा रिफाइनरी के हिसाब से भी यह काफी महत्वपूर्ण है।

पश्चिमी और उत्तरी राजस्थान के कई जिले सीधे जुड़ेंगे। वर्तमान में यह एक्सप्रेस-वे छह लेन का बन रहा है। भविष्य में इसे दस लेन तक करने की योजना है।

चढ़ने और उतरने के पॉइंट दिए गए हैं
हर 25 से 30 किमी की रेंज में चढ़ाई और उतरने के पॉइंट दिए गए हैं। जिले के बाप, लोहावट, ओसियां, तिंवरी, घण्टियाली, बालेसर क्षेत्र के गांवों से गुजर रही है।

लोहावट के लक्ष्मणनगर, ओसियां के सिरमंडी व बालेसर के ढाढणियां में जंक्शन बना है। जहां उतार व चढ़ाव किया जा सकता है। इतनी ही दूरी पर टोल प्लाजा भी लगाए गए हैं।

जोधपुर में इस सेक्टर को भी फायदा
– जोधपुरी स्टोर, हैंडीक्राफ्ट व टैक्सटाइल इंडस्ट्री से बड़ी मात्रा में माल निर्यात होता है। यह कांडला पोर्ट तक जाता है। इस मार्ग से तेजी से माल वहां पहुुंचा जा सकेगा।
– गुजरात से आने वाला टूरिस्ट अब दो घंटे पहले यहां पहुंचेगा।

– वाहनों की रफ्तार 100 किमी से ज्यादा होगी। ऐसे में दूरी कम समय में तक की जा सकती है।
– सोलर सेक्टर को बड़ा फायदा होगा। सोलर प्लेट बनाने वाली कंपनियां निवेश करने पहुंच सकती हैं। वर्तमान में फलोदी जिले के भड़ला में सबसे बड़ा सोलर पार्क है।
– फलोदी के नमक उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।

ये होगा फायदा
एक्सप्रेस-वे से अमृतसर, बीकानेर, कच्छ और जामनगर को सबसे ज्यादा फायदा होगा। राजस्थान से पांच राज्यों को सीधा और सुगम मार्ग मिलेगा। हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश सीधे व्यावसायिक पोर्ट गुजरात के जामनगर और कांडला से जुड़ेंगे। कॉरिडोर से 7 पोर्ट, 8 बड़े एयरपोर्ट, डिफेंस एयरस्ट्रिप भी कवर होंगे। आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।


– क्षेत्र में पर्यटन स्थलों को हाई स्पीड कनेक्टिविटी मिलेगी। अमृतसर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और कच्छ में पर्यटन बढ़ेगा। तीन बड़ी तेल रिफाइनरी बठिण्डा, बाड़मेर और जामनगर आपस में जुड़ेंगी। गुरुनानक थर्मल प्लांट बठिंडा व थर्मल पॉवर प्लांट सूरतगढ़ जुड़ेंगे।

-गंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के लोग सीधे अमृतसर और गुजरात आ जा सकेंगे। इलाके में पंजाबी समुदाय के लोग अधिक होने के कारण स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने जाते हैं। उन्हें सुविधा मिलेगी। जामनगर अमृतसर एक्सप्रेस हाईवे से समय की बचत भी होगी।
– पचपदरा रिफाइनरी के साथ ही पेट्रोकेमिकल हब बनेगा जो करीब 6500 करोड़ रुपए लागत का है। यहां पर 129 प्रकार के बायो प्रोडक्ट रिफाइनरी के उत्पादित होंगे। इस एक्सप्रेस-वे के कारण पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश तक इंडस्ट्री जुड़ जाएगी।

– बाड़मेर व सांचौर बेसिन में तेल कुओं व रिफाइनरी की वजह से सांचौर व आसपास के क्षेत्र में रिफाइनरी व तेल से संबंधित उद्योग भी तेजी से स्थापित होंगे।
– बालोतरा पॉपलीन उद्योग क्षेत्र है। यहां से गुजरात व महाराष्ट्र कपड़ा परिवहन होता है। एक्सप्रेस-वे बनने से रास्ता सुगम होगा और कम समय में दूरी तय होने के साथ ही करीब 20 प्रतिशत परिवहन व्यय कम होगा।


– सबसे बड़ा फायदा सामरिक दृष्टि से होगा। भारतमाला प्रोजेक्ट पर लड़ाकू विमान उतारने का भी दावा किया जा रहा है। इसके लिए बॉर्डर एरिया में डिफेंस मूवमेंट भी अधिक तेजी से की जा सकेगी।
– रबड़ और प्लास्टिक उद्योग में बड़ा निवेश आ सकता है। पचपदरा रिफाइनरी के साथ पेट्रो-केमिकल हब बनने से प्लास्टिक से जुड़े बड़े उद्योग आ सकते हैं। एक आंकलन के अनुसार एक लाख नई नौकरियां इस सेक्टर में मिलेंगी। बाहर की कंपनियां भी निवेश कर सकती हैं।

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Rameshwari Bishnoi

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