राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के धरियावद में एक महिला को निर्वस्त्र करने का मामला सामने आया है। पीडिता के पति ने गांव वालों के सामने महिला को 1 किमी तक दौड़ाया। घटना 31 अगस्त को हुई थी। शुक्रवार को वीडियो वायरल होने के बाद मामले का प्रसार हुआ। उसी समय, धरियावद (प्रतापगढ़) के गेस्ट हाउस में सीएम अशोक गहलोत ने पीड़िता से बातचीत की जिसमें पीड़िता के माता-पिता भी शामिल थे। सीएम ने पीड़िता को सरकारी नौकरी और 10 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया।
SP अमित कुमार ने बताया कि महिला की शादी डेढ़ साल पहले ही इस गांव के युवक के साथ हुई थी। इस घटना पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सभ्य समाज में इस तरह के अपराधियों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। महिला ने देर रात पुलिस में शिकायत की है और FIR दर्ज की गई है जिसमें 10 लोगों के नाम शामिल हैं। पुलिस ने अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना की निंदा की है और जांच के लिए कमेटी गठित की है। आयोग ने राजस्थान के DGP से मामले में त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है और पांच दिनों के अंदर इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी इस घटना की मणिपुर की घटना से तुलना कर आरोपियों की मदद कर रही है और केस की गंभीरता को कम कर रही है। उन्होंने इसको एक प्रयास बताया कि वे उन्हें निर्वस्त्र कर देते हैं और यह सब आम होता रहता है।
जब सीएम गहलोत पीड़िता से मिलने हेलीपैड से धरियावद गेस्ट हाउस जा रहे थे, तब रास्ते में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी के साथ काले कपड़े हाथ में लिए और प्रदर्शन किया।
एडीजी दिनेश एमएन ने कहा है कि मुख्य आरोपी महिला के पति सहित तीन लोग हॉस्पिटल में हैं और उनका गिरफ्तारी इलाज के बाद होगा। वीडियो और बयानों के आधार पर कुछ और आरोपियों को पहचाना गया है।
पुलिस ने जंगल से आरोपियों को पकड़ा, चोटें आईं
आरोपियों को शुक्रवार रात ही यह खबर लग गई थी कि पुलिस गिरफ्तार करने आ रही है। इसके बाद इन्होंने जंगल की तरफ भागने की कोशिश की और इससे इनके पैरों में चोटें आईं। हालांकि पुलिस ने तीन को गिरफ्तार कर लिया। इनका अस्पताल में इलाज चल रहा है और बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने छह टीमें गठित की हैं।
महिला चीखती रही, किसी ने मदद नहीं की
जानकारी के अनुसार, शादी के छह महीने बाद महिला पड़ोस के गांव ऊपला कोटा के एक युवक के साथ चली गई थी। महिला साल भर बाद 30 अगस्त को जब युवक के साथ वापस लौटी, तो उसके ससुराल वाले उसे जबरन अपने गांव पहाड़ा ले आए।
इसके बाद पति ने गांव वालों के सामने ही उसके कपड़े उतारे और निर्वस्त्र कर घुमाया। जो वीडियो वायरल हुआ, उसमें वह जोर-जोर से चीख रही है और छोड़ देने की गुहार लगा रही है। इस दौरान गांव के कई लोग सिर्फ देखते रहे और वीडियो बनाते रहे, लेकिन किसी ने पति को रोका नहीं। महिला छह महीने की गर्भवती है।
वसुंधरा राजे ने घटना की निंदा की, CM गहलोत बोले- किसी को बख्शा नहीं जाएगा
इस घटना पर मीडिया को संबोधित करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि धरियावद में हुई अमानवीय कृत्य नितांत असहनीय और घोर निंदनीय है। आज धरियावद पहुंचकर पीड़िता से मिले और उन्हें ढांढस बंधाते हुए यह विश्वास दिलाया कि प्रशासन और पूरा प्रदेश इस संवेदनशील घड़ी में आपके साथ है। राजस्थान की यह बेटी बहुत बहादुर है और इन दर्दनाक लम्हों का उन्होंने बहुत हिम्मत से सामना किया। यह एक अत्यधिक गरीब आदिवासी परिवार है जिसकी स्थिति देखकर मैं व्यथित हो गया।
पीड़ित को 10 लाख रु की वित्तीय सहायता और सरकारी नौकरी देने का ऐलान उनकी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दृष्टि से किया गया है, सीएम गहलोत ने ट्वीट किया।
वहीं पूर्व सीएम और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने सोशल मीडिया पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “प्रतापगढ़ जिले की पहाड़ा ग्राम पंचायत, धरियावाद में एक गर्भवती युवती को सरेआम निर्वस्त्र करने का अश्लील वीडियो वायरल होता रहा और घटना की प्रशासन को खबर तक नहीं थी। प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध ने इस कदर पैर पसारे है कि आए दिन राजस्थान को शर्मिंदा होना पड़ रहा है। महिला अत्याचार में प्रदेश को देश में नंबर 1 बनाने की जिम्मेदार स्वयं कांग्रेस सरकार की है।
उन्होंने आगे लिखा, “मुख्यमंत्री जी आख़िर ऐसी क्या मजबूरी है कि राजस्थान में बेटियों की लुटती अस्मत और चीखें आपकी कांग्रेस सरकार को सुनाई नहीं देतीं?”















