नहीं देना होगा एक भी रुपया टैक्स, कटी हुई सैलरी भी होगी वापस, टैक्सपेयर्स जानें तरीका 

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Jambhsar Media Digital Desk : वित्त वर्ष 2023-24 में खत्म होने वाला है और ITR भरने की तारीख करीब आ रही है। अगर आपकी सालाना कमाई इनकम टैक्स के दायरे में आती है तो टैक्स भरना बहुत जरूरी है। ऐसे में सभी टैक्सपेयर्स टैक्स बचाने के नए नए तरीके ढूंढ़ रहे हैं। क्योंकि आयकर (Income Tax) छूट लेने के लिए केवल 31 मार्च तक का वक्त है। अगर आप भी निवेश कर टैक्स बचाना चाहते हैं तो आज हम इस खबर में आपको टैक्स बचाने के बेहतरीन तरीके बताने जा रहे हैं। चलिए जानते हैं- 

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अगर आपकी फरवरी की सैलरी (Salary) कटकर आई है और मार्च में भी कटने वाली है। अब आप भी सोच रहे होंगे कि इसे कैसे बचाएं या फिर वापस पाएं, क्योंकि आपकी सैलरी इनकम टैक्स (Income Tax) के दायरे में आने की वजह से कटी है। अगर आप चाहें तो टैक्स सेविंग (Tax Saving) के लिए अभी भी कदम उठा सकते हैं, आपके पास 31 मार्च तक का वक्त है।

दरअसल, ओल्ड टैक्स रिजीम (old tax regime) के तहत टैक्सपेयर्स निवेश का ब्योरा देकर टैक्स में छूट का लाभ ले सकते हैं। लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 में आयकर (Income Tax) छूट लेने के लिए केवल 31 मार्च तक का वक्त है। आइए जानते हैं कि अगर आपकी सैलरी इनकम टैक्स की वजह से कट गई है, तो उसे वापस पाने के लिए क्या-क्या विकल्प हैं?

 सबसे पहले तो कर्मचारी को अपने निवेश यानी इंवेस्टमेंट प्रूव (Investment Proof) और HRA डिटेल्स की जानकारी अपनी कंपनी को देनी होती है, जहां वो कार्यरत हैं। अधिकतर कंपनियां जनवरी से लेकर फरवरी के अंत तक अपने कर्मचारियों को प्रूव जमा (Investment Proof Submission) करने को कहती हैं। ताकि उसे वैरीफिकेशन के बाद आयकर विभाग में सबमिट किया सके। 

देश में अधिकतर लोग आखिरी के तीनों महीनों में यानी जनवरी, फरवरी और मार्च में टैक्स बचाने के लिए कदम उठाते हैं। सबसे ज्यादा लोग मार्च के आखिरी हफ्ते में टैक्स सेविंग करते हैं। अगर आपके संस्थान में भी फरवरी तक ही निवेश प्रूव जमा करने की अंतिम तारीख थी, तो फिर अब क्या विकल्प बचा है? आपके मन में ये भी सवाल होगा कि जब टैक्स बचाने के लिए निवेश की अंतिम तारीख 31 मार्च है तो फिर कंपनियां इतने पहले डिटेल्स क्यों ले लेती हैं?

बता दें, आयकर नियम (income tax rules) के मुताबिक अगर आपने अपने संस्थान को जहां आप काम करते हैं, वहां वित्त वर्ष 2023-24 के लिए Investment Proof जमा कर चुके हैं, तो घबरान की कोई बात नहीं है। आप 31 मार्च तक निवेश कर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। इसके बेहद आसान तरीके हैं। 

नियम के मुताबिक अगर आप वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आयकर छूट का लाभ लेना चाहते हैं, तो बेफिक्र होकर 31 मार्च तक निवेश कर उसका लाभ ले सकते हैं। भले ही आप जहां काम करते हैं, वहां आयकर से जुड़े इंवेस्टमेंट प्रूव और HRA के दस्तावेज जमा कर चुके हैं। आप 31 मार्च तक निवेश कर 31 जुलाई से पहले ITR फाइल करके पूरा छूट का लाभ ले सकते हैं। जिसमें आप HRA समेत सभी निवेश दस्तावेज जमा कर सकते हैं, जो आयकर के नियम के तहत वैध है। 

यानी टेंशन फ्री होकर आप 31 मार्च तक लाइफ इंश्योरेंस(life insurance), PPF, NPS और मेडिकल इंश्योरेंस खरीदकर, 31 जुलाई तक इस दस्तावेज के आधार पर ITR फाइल कर क्लेम कर सकते हैं। यही नहीं, अगर फरवरी और मार्च के महीने में आपकी सैलरी टैक्स की वजह से कटती है, तो क्लेम करते ही वो राशि भी वापस मिल जाएगी। इसलिए इसके लिए 31 मार्च की डेडलाइन मानकर चलें।    

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत निवेश कर आप 1,50,000 रुपये तक की रकम को अपनी टैक्सेबल इनकम में से घटा सकते हैं। इनमें जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए दिया गया प्रीमियम, बच्चों के स्कूल की ट्यूशन फीस, PPF, KVP, सुकन्या समृद्धि योजना, NSC होम लोन की मद में चुकाया गया मूलधन जैसी रकमें शामिल होती हैं। 

इसके अलावा NPS में निवेश कर 50 हजार रुपये का अतिरिक्त लाभ ले सकते हैं। साथ ही मेडिकल इंश्योरेंस खरीद कर भी टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में भी निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C तहत टैक्स छूट मिलता है। इसमें सालाना 1।5 लाख और धारा 80CCD (1B) के तहत अतिरिक्त 50 हजार रुपये का भी निवेश कर सकते हैं। NPS में निवेश कर आप आयकर (Income Tax) में कुल 2 लाख रुपये की कुल छूट का फायदा ले सकते हैं।

आप म्यूचुअल फंड में भी पैसे लगाकर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए आपको इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश करना होगा, जो एक प्रकार का इक्विटी फंड है। इसमें आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1।5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। ELSS में सालाना 1 लाख रुपये तक के रिटर्न/लाभ पर टैक्स नहीं लगता है। ELSS में 3 साल की सबसे छोटी लॉक-इन अवधि होती है जो कि सभी टैक्स बचाने वाले निवेश विकल्पों में से बेहतर है। इसके अलावा आप Tax Saving FD और यूनिट लिंक्ड इंश्‍योरेंस प्‍लान (ULIP) खरीदकर भी टैक्स बचा सकते हैं।  

आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत अपने जीवनसाथी और बच्चों सहित स्वयं के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के भुगतान के लिए 25,000 रुपये तक की कटौती का क्लेम कर सकते हैं। वहीं, अगर आप अपने माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा खरीदते हैं, तो 50,000 रुपये की अतिरिक्त राशि बचा सकते हैं।

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Rameshwari Bishnoi

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